Tulsi Mata Chunri Color: तुलसी एक ऐसा पौधा है, जिसकी हिंदू धर्म में पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को मां का दर्जा दिया गया है और लगभग सभी घरों में इसकी सुबह-शाम पूजा की जाती है. मान्यता है कि जिस भी घर में तुलसी के पौधे की पूजा होती है, उससे घर में माता लक्ष्मी का आशीर्वाद सदैव बना रहता है और घर में खुशहाली बनी रहती है. वहीं, तुलसी पूजन में कई लोग माता को भोग और वस्त्र भी अर्पित करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसी माता पर किस रंग की चुनरी चढ़ानी चाहिए, जो की शुभ मानी जाए.
लक्ष्मी का घर में आगमन होता
ज्योतिष की मानें तो जो लोग तुलसी माता पर चुनरी चढ़ाते हैं, उससे उनकी दरिद्रता समाप्त होती है और माता लक्ष्मी का घर में आगमन होता है.
शनि देव को बेहद प्यारी हैं ये 5 राशियां, बरसता है धन, मिलता है मान-सम्मान
लाल रंग की चुनरी नहीं ओढ़ानी चाहिए
हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, कभी भी माता तुलसी को लाल रंग की चुनरी नहीं ओढ़ानी चाहिए. दरअसल तुलसी के पत्ते हरे होते हैं और यह रंग बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, जिसकी वजह से ऐसा करना अशुभ माना जाता है.
धन का नुकसान
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो तुलसी जी पर लाल रंग की चुनरी उड़ाना निषेध है. ऐसा करने से आपको धन का नुकसान हो सकता है और सेहत पर भी नकारात्मक असर पड़ता है.
अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि तुलसी जी को फिर किस रंग की चुनरी चढ़ाई तो चलिए बताते हैं-
काले रंग की चुनरी
ज्योतिषाचार्य के माने तो तुलसी जी को काले रंग की चुनरी ओढ़ाई जा सकती है क्योंकि यह रंग श्री कृष्ण का रंग होता है. वृंदा के अवतार में तुलसी जी का विवाह भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण के साथ हुआ था.
सुख समृद्धि का माहौल
तुलसी का पौधा बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, इसकी वजह से उन्हें हरे रंग की भी चुनरी समर्पित की जा सकती है. ऐसा करने से घर में खुशहाली और सुख समृद्धि का माहौल बना रहता है.
इन राशियों के लिए फलदाई है जुलाई का महीना, माता लक्ष्मी देंगी छप्परफाड़ धन
दिन का रखें ध्यान
ध्यान रखें कभी भी तुलसी माता को चुनरी या वस्त्र अर्पित करने का समय भी खास ध्यान रखें. कभी भी शाम या रात के समय तुलसी माता को वस्त्र समर्पित नहीं करने चाहिए. सप्ताह में रविवार और एकादशी के दिन को छोड़कर किसी भी दिन आप देवी तुलसी को चुनरी ओढ़ा सकते हैं. इन दो दिन तुलसी को चुनरी चढ़ाना अशुभ माना जाता है.
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारियां धार्मिक मान्यताओं-परंपराओं के अनुसार हैं. Readmeloud इनकी पुष्टि नहीं करता है.