Trending News: कहते हैं कि दुनिया में एक से बढ़कर एक चीजें मशहूर हैं तो वहीं कई देशों की अजीबोगरीब परंपराएं भी लोगों के बीच अक्सर ही चर्चा का विषय बनी रहती हैं. दुनिया भर के अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरह की परंपराएं और संस्कृति मशहूर हैं लेकिन शादी से जुड़ी परंपराएं तो लोगों को और भी ज्यादा चकित करती रहती हैं. शायद ही आपने कभी सुना हो कि शादी के बाद जब दूल्हा दुल्हन की सुहागरात होती है तो उसके कमरे में लड़की की मां मौजूद हो या फिर किसी जगह पर ऐसा रिवाज हो कि जो लड़की दुल्हन बनती है, उसके दोस्त ही उसे किडनैप कर ले जाते हैं.
कई देशों में तो लड़कियों की शादी पहले कुत्ते या मेंढक से कराई जाती है, यह सब अजीबोगरीब रस्मों के बारे में सुनकर आपके मन में अजीब ख्याल भी आ रहे होंगे लेकिन इन सब के बीच आज आपको एक ऐसी रस्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे निभा पाना तो बड़ा ही मुश्किल काम होता होगा लेकिन अब उस देश का रिवाज है तो वहां के दूल्हा-दुल्हन को करना ही पड़ता है.
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क्या आप मान सकते हैं कि कोई तीन दिन तक अपनी टॉयलेट रोक सकता है. अगर नहीं तो यह खबर जरुर पढ़नी चाहिए. कहा जाता है कि दुनिया में एक ऐसी जगह है, जहां पर एक लड़का-लड़की शादी के बाद तीन दिन तक एक ही कमरे में बंद रहते हैं और ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि वह टॉयलेट ना जा सकें. इसके पीछे की क्या वजह है, यह भी जानना बहुत जरूरी है. अब आप सोच रहे होंगे कि अजीब परंपरा का पालन कहां होता है तो चलिए आपको बता देते हैं.
जानकारी के मुताबिक, इंडोनेशिया और मलेशिया के बोर्नियो प्रांत की निवासी की टिडॉन्ग जनजाति इस विचित्र परंपरा का पालन करती है. टिडॉन्ग का मतलब होता है पहाड़ों पर रहने वाले लोग. इस जनजाति के से जुड़े लोग किसान होते हैं और वह स्लैश एंड बर्न विधा का प्रयोग इसमें करते हैं. इस जनजाति में एक विशेष रस्म होती है, जिसमें शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन तीन दिन तक की टॉयलेट नहीं जाते हैं. इस जनजाति के लोगों का मानना है कि शादी बहुत ही पवित्र होती है और अगर दूल्हा-दुल्हन टॉयलेट चले जाते हैं तो उनकी पवित्रता भंग हो जाती है और वह अपवित्र हो जाते हैं.
शादी की पवित्रता को बरकरार रखने के लिए इस जनजाति के दूल्हा-दुल्हन शादी के बाद तीन दिन तक की टॉयलेट नहीं जा सकते हैं. अगर कोई जोड़ा ऐसा कर भी लेता है तो उसे अपशगुन माना जाता है. दूल्हा-दुल्हन इस रस्म को ना तोड़ दें, इसके लिए घरवाले भी कड़ी निगरानी करते हैं और उन्हें एक ही कमरे में तीन दिन के लिए बंद भी कर देते हैं. तीन दिन तक की दूल्हा-दुल्हन को कमरे में बंद रखने और टॉयलेट ना जाने के पीछे एक और वजह बताई गई है कि इससे नया नवेला जोड़ा बुरी नजर से बच जाता है. इस जनजाति के बिरादरी के लोगों के मुताबिक, जहां कहीं भी मल त्याग होता है, वहां पर गंदगी होती है और वहां पर नकारात्मक शक्तियां वास करती हैं. ऐसे में अगर नया नवेला जोड़ा शौचालय नहीं जाएगा तो उन पर नकारात्मक शक्तियां नहीं आएंगी और उनका रिश्ता बचा रहेगा.
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खाना भी दिया जाता है कम
मजेदार बात यह है कि इस जनजाति के लोगों में इस परंपरा को निभाने के लिए कड़े नियम रखे गए हैं. खुद घर वाले तो नजर रखते ही हैं ताकि दूल्हा दुल्हन तीन दिन तक टॉयलेट ना जा सकें तो वहीं दूसरी तरफ इनको बहुत ही कम मात्रा में भी खाना दिया जाता है, जिससे उन्हें पॉटी न लगे. पानी भी कम ही पीने को दिया जाता है. टिडॉन्ग जनजाति के लोगों के मुताबिक, जोड़ा भी इस परंपरा को ठीक से निभा लेता है तो उनकी जिंदगी खुशहाल रहती है और वह हमेशा दूसरे के साथ रहते हैं लेकिन जो जोड़ा इस परंपरा को नहीं निभा पाता है, लोगों का मानना है कि उनकी शादी टूट जाती है और उनमें से किसी की मौत भी हो सकती है.
जो जोड़ा भी इस परंपरा को निभा लेता है, उसके बाद वह जमकर जश्न भी मनाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि टिडॉन्ग जनजाति की यह प्रथा बहुत ही खतरनाक है क्योंकि इतनी देर तक की जो कोई भी मल मूत्र को रोक कर रखता है, ऐसे उनके शरीर पर नकारात्मक असर पड़ता है. वहीं, जनजाति के लोगों को इस बात से कोई मतलब नहीं है.