Utility News: एक समय था, जब ज्यादातर लोग साइकिल से चलना पसंद करते थे. उस दौर में लोगों के पास ज्यादा पैसे नहीं थे और पर्यावरण को बचाने की भी चाहत थी. शायद यही वजह थी कि लोग वाहनों के बजाय साइकिल से सड़कों पर चलना पसंद करते थे लेकिन अब समय बदल गया है. आज भारत में हर रोज करोड़ों की संख्या में सड़कों पर वाहन दौड़ते हुए दिखाई देते हैं. इनमें से कुछ वाहन इलेक्ट्रिक होते हैं तो कुछ सीएनजी भी होते हैं लेकिन ज्यादातर वाहनों की बात की जाए तो वह पेट्रोल या फिर डीजल से चलते हैं.
हमारे देश में पेट्रोल-डीजल की खपत चरम सीमा पर है. यहां पर हर रोज पेट्रोल पंप पर लाखों लोग पेट्रोल-डीजल भरवाने के लिए पहुंचते हैं. कई बार पेट्रोल-डीजल भरते समय यहां के कर्मचारी गड़बड़ी कर देते हैं. आए दिन अखबारों में या फिर समाचार पत्रों में पेट्रोल-डीजल में मिलावट की खबरें सामने आती रहती हैं. इसके चलते कई बार लोगों की बहस या फिर झड़प भी हो जाती है.
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बहुत सारे पेट्रोल भरवाने वाले लोगों का मनाना होता है कि अगर सुबह के समय गाड़ी में पेट्रोल भरवाया जाए तो उससे फायदा होता है हालांकि सुबह-सुबह गाड़ी में पेट्रोल भरवाने से वाकई में फायदा होता है या फिर नहीं, इसके बारे में आज आपको बताते हैं.
आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि सुबह के समय गाड़ी में पेट्रोल भरवा लेने से वह अधिक चलती है. इस बात में कितनी सच्चाई है, इसके बारे में तो वही जानते होंगे, जो ऐसा करते हैं. कई बार आपने देखा होगा कि एक बात व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति, दूसरे से तीसरे में पहुंचते-पहुंचते आम धारणा में बदल जाती है. कई बार यह बातें केवल धारणाएं रह जाती हैं, इनकी सच्चाई के बारे में कोई जाने की कोशिश नहीं करता है. कुछ ऐसा ही लोगों के मन में सुबह पेट्रोल भरवाने को लेकर हो चुका है.
कैसी होगी फ्यूल की डेंसिटी
सुबह पेट्रोल डलवाया जाए तो फायदा होता है, ऐसा कुछ भी नहीं है. कुछ लोग सुबह पेट्रोल भरवाने के पीछे यह लॉजिक देते हैं कि सुबह के समय तापमान सामान्य होता है. इसके चलते फ्यूल की डेंसिटी ठीक रहती है. जब आप पेट्रोल भरवाने पहुंचते हैं तो आपको ज्यादा पेट्रोल मिलता है. वहीं, दिन होते-होते गर्मी के कारण फ्यूल की डेंसिटी कम हो जाती है लेकिन सच्चाई तो यह है कि आप 24 घंटे में किसी भी समय पेट्रोल भरवाएं फ्यूल की डेंसिटी कम नहीं होती है और ना ही किसी तरह से प्रभावित होती है.
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पेट्रोल की डेंसिटी पर टेंपरेचर का असर नहीं
केंद्र सरकार की तरफ से पेट्रोल की डेंसिटी 730 से 800 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तय है. अगर पेट्रोल खरीदते समय यह डेंसिटी है तो समझ जाइए कि वह पेट्रोल बिना मिलावट का है यानी की शुद्ध पेट्रोल है. फ्यूल डेंसिटी को चेक करने के लिए पेट्रोल पंप पर मशीन भी लगी होती है, ऐसे में आप उसकी डेंसिटी को आराम से चेक कर सकते हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक, पेट्रोल की डेंसिटी पर टेंपरेचर का कोई भी असर नहीं होता है. अगर आप मशीन के जरिए फ्यूल डेंसिटी चेक करते हैं और वह कम आती है तो समझ जाइए कि वह पेट्रोल सही नहीं है.