न दें झूठी गवाही, न कहें कोई झूठी बात, पड़ सकते हैं लेने के देने, जानें सजा के नियम
jhoothi gawahi

न दें झूठी गवाही, न कहें कोई झूठी बात, पड़ सकते हैं लेने के देने, जानें सजा के नियम

Utility News: ‘झूठ बोले, कौवा काटे…’ यह लाइन तो आप बचपन से सुनते चले आ रहे होंगे पर सच तो यह है कि लोगों को झूठ बोलने पर कौवा तो नहीं काटता है. शायद यही वजह है कि आजकल लोग नॉर्मल से झूठ बोलते हैं. कई बार तो लोग दोस्तों के साथ हंसी-मजाक में झूठ बोलते हैं तो कई बार लोग जरूरी स्थितियों में भी झूठ बोल देते हैं हालांकि अगर आपके झूठ से किसी का नुकसान नहीं हो रहा है तो वह कम हानिकारक है.

अगर आप कोर्ट जैसी न्याय वाली जगह पर कभी झूठी गवाही देते हैं या फिर झूठ बात बोलते हैं तो लेने के देने पड़ सकते हैं. कोर्ट में झूठ बोलने पर आपको कौन सी सजा मिल सकती है, इसके बारे में आज आपको जानकारी देंगे.

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कई बार कुछ लोग जरूरी सिचुएशन में झूठ बोल देते हैं, इसके चलते उसका परिणाम भी उन्हें भुगतना पड़ सकता है. अगर कोई व्यक्ति कोर्ट में गवाही देने जा रहा है और वह झूठी गवाही देता है तो यह उसके लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है. पहली बात तो कभी भी कोर्ट में झूठ नहीं बोलना चाहिए. हमेशा सच का ही साथ देना चाहिए. अगर कोई ऐसा करता है तो उसे सजा का भागीदार बनना पड़ सकता है.

जो व्यक्ति कोर्ट में झूठ बोलता है, उस पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 227 के अंतर्गत झूठी गवाही देने के इल्जाम में सजा मिल सकती है. अगर कोई व्यक्ति झूठी गवाही के साथ झूठे सबूत भी देता है तो उस पर धारा 228 के तहत केस बनता है. न्यायालय में झूठी गवाही देने के आरोप में आरोपी व्यक्ति पर भारतीय न्याय संहिता धारा 229 के तहत 3 साल की सजा हो सकती है. साथ ही साथ उसे ₹5000 तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.

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झूठी गवाही देने के इल्जाम में केस
मान लीजिए अगर आप खुद से जुड़े किसी केस में कोर्ट में अपनी बात कहने जा रहे हैं या फिर गवाही देने जा रहे हैं तो आपको अपने वकील से पहले इस पर बात कर लेनी चाहिए कि आप किस तरह से अपनी बात रखेंगे और किस तरह से आपको अपनी बात को साबित करना है. कोर्ट में झूठी दवाई देते हुए अगर वह साबित हो जाती है तो और आप पकड़े जाते हैं तो आपके ऊपर झूठी गवाही देने के इल्जाम में केस चलाया जा सकता है. ऐसे में आपको सजा के साथ-साथ जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.

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