गुलामी

….और गुलामी ठीक चल रही है….

अरे वाह…तुम्हारे पास आईफोन है… ओह माय गॉड…उसने ज़ारा के कपड़े पहने हैं… अरे उसने आज नाइकी के 15 हजार के जूते खरीदे…और तुम्हारे पास क्या है… ये सवाल जितने ही बड़े हैं, उनके जवाब उतने ही कठिन होंगे.
ये महंगे कपड़े, महंगी घड़ियां, महंगे जूते, ये स्टार बक्स वाली कॉफी हर किसी के लिए आजकल स्टेटस सिंबल बन गए हैं. यूथ जाते हैं इन जगहों पर शायद सिर्फ अपने फ्रेंड्स के बीच कूल बनने के लिए.
हां, यकीन नहीं होता तो जरा हफ्ते-हफ्ते में नाइट क्लब और स्टार बक्स जैसी जगहों पर जाने वाले लोगों के सिर पर हाथ रखकर या फिर हाथों में हाथ लेकर प्यार से पूछिए- क्या तुम खुश हो…

यकीं मानिए 70% से ज्यादा लोगों का जवाब नहीं होगा. जानते हैं क्यों.. वो इसलिए क्योंकि आज के लोग जीने में नहीं, दिखावे में यकीन करते हैं. उन्हें इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि वह जो कर रहे हैं, वह सही है या नहीं, बल्कि उन्हें इस बार से फर्क पड़ता है कि उनके आस-पास जो लोग हैं, उन्हें कैसे लगेगा. उन्हें लगता है कि अगर उन्होंने H & M के कपड़े नहीं पहने तो ये हाई प्रोफाइल सोसायटी उन्हें एक्सेप्ट नहीं करेगी.

 
हैरानी के बात तो यह है कि दिखावा करने वालों को ही नहीं पता होता है कि वह अपने मन के मुताबिक नहीं, दूसरों के मन के हिसाब से जी रहे हैं. शौक और गुलामी में क्या अंतर होता है, वह जानते ही नहीं हैं. समाज की सोच के गुलाम बनकर रह गए हैं. इनके मां-बाप खून-पसीने की कमाई करके बड़े-बड़े शहरों के कॉलेजेस में पढ़ाई करने के लिए भेजते हैं पर यहां भी फोन से पढ़ाई करने के लिए उन्हें आईफोन चाहिए होता है. चलिए उस बात तो छोड़ते हैं आगे बढ़ते हैं.


कई बार ये अपना खर्चा चलाने के लिए किसी संस्था को भी ज्वाइन कर लेते हैं पर वहां पर ईमानदारी से काम करने के बजाय इस कदर फिजूलखर्ची करते हैं कि घर से ही उन्हें हर महीने खर्च मंगाने पड़ते हैं. उसमें भी खास बात यह सुनिए कि इस सब पर भी उनके गुलामी वाले टैंट्रम खत्म नहीं होते. ये लंबी-लंबी फेंकते हैं. खानदान में यह है, खानदान में वह है. अरे बच्चा लोग… है मानते हैं कि सबकुछ है पर वह सब तो खानदान का है न…आपने क्या किया…आप तो जिंदगी जी ही नहीं रहे बस गुलाम बनकर रह गए हो दूसरों की सोच के, इस समाज के और पीयर प्रेशर के…


जीना ही है तो अपने मन-मर्जी से जियो. किसी की सोच के गुलाम बनकर नहीं. जो वक्त झूठे दिखावे में देते हो, उससे दो पल मां-बाप से बात करके देखो. उनके चेहरे से जो मुस्कान और दिल से जो दुआ निकलेगी, वह आपकी जिंदगी संवार देगी.

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