Fraud by Making Obscene Video Calls: अगर आप मोबाइल इस्तेमाल करते हैं तो सतर्क हो जाइए. दरअसल जालसाजों ने ठगी करने का नया तरीका ढूंढ निकाला है. ताजा मामला महाकाल की नगरी उज्जैन का बताया जा रहा है. ठगी के नए तरीके में जालसाज आमजन को पहले तो वीडियो कॉल करते हैं और उसके बाद उन्हें रिकॉर्ड अश्लील वीडियो दिखाना शुरू कर देते हैं. इतना ही नहीं, वह सामने वाले को भी न्यूड होने को कहते हैं. अगर कोई गलती से भी ऐसा कर देता है तो वह उसका वीडियो रिकॉर्ड कर फिर उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश करते हैं.
जानकारी के मुताबिक, महाकाल की नगरी उज्जैन में करीब 7 से 8 केसेज हर महीने पुलिस के पास पहुंच रहे हैं. पुलिस की मानें तो कई केसेस में लोग शर्म के मारे उनके पास आने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं, जिसके चलते अपराधियों का हौसला तेजी से बढ़ रहा है. फिलहाल पुलिस इस तरह के मामलों को पकड़ने की कोशिश कर रही है.
पुलिस की मानें तो ज्यादातर केसेस में मोडस ऑपरेंडी कॉमन है यानी कि इस तरह के केसेस में जालसाज सोशल मीडिया के जरिए लोगों से दोस्ती करते हैं. इसके बाद उन्हें मैसेंजर पर मीठी-मीठी बातों वाले मैसेज करते हैं. बातें जब बढ़ जाती है तो वह उनसे अश्लील चैट करना शुरू कर देते हैं और फिर व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल के लिए इनवाइट करते हैं. कई ऐसे लोग हैं, जो कि उनकी जालसाजी का अंदाजा नहीं लगा पाते हैं और वह उनसे वीडियो कॉल के लिए नंबर शेयर कर लेते हैं.
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कैसे होता है ब्लैकमेलिंग का काला खेल शुरू
व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल के समय पहले इन लोगों को एक अश्लील रिकॉर्ड वीडियो दिखाया जाता है. इन्हें लगता है कि यह सब कुछ लाइव हो रहा है. जो लोग या अश्लील वीडियो देख रहे होते हैं, उनसे यह जालसाज न्यूड होने के लिए दबाव बनाते हैं. अगर भूलकर भी कोई ऐसी गलती कर बैठता है तो यह उसका वीडियो रिकॉर्ड कर लेते हैं. जैसे ही वीडियो रिकॉर्ड हो जाता है, वैसे ही फिर ब्लैकमेलिंग का काला खेल शुरू होता है.
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मोटी रकम की डिमांड करते
पुलिस का कहना है कि रिकॉर्डिंग के अगले ही दिन जालसाज पीड़ित शख्स को उनका ही न्यूड वीडियो भेजते हैं और फिर उसे वायरल करने की धमकी देकर मोटी रकम की डिमांड करते हैं. अगर कोई इसके लिए मना करता है तो जालसाज खुद को पुलिस ऑफिसर बताते हैं और फोन करके कहते हैं कि उस वीडियो के बारे में केस रजिस्टर किया जा रहा है. ऐसे में यहां पर भी जालसाज फर्जी पुलिस अफसर होने का डर दिखा करके पीड़ित से पैसा ऐंठने की कोशिश करते हैं.
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कब-कब होती है यह वारदातें
पुलिस की मानें तो अश्लील जालसाजी का यह खेल ज्यादातर गुरुवार और शुक्रवार को होता है क्योंकि शनिवार और रविवार को बैंक में छुट्टी होती है. ऐसे में ठगी हो जाने पर जालसाजों को पैसा निकालने के लिए 24 घंटे का समय आराम से मिल जाता है. उज्जैन के साइबर सेल प्रभारी प्रतीक की मानें तो इस तरह की 7 से 8 केसेस हर महीने आ रहे हैं. इतना ही नहीं लोगों को इसके प्रति जागरूक भी किया जा रहा है. साइबर सेल प्रभारी प्रतीक यादव का कहना है कि अगर इस तरह की घटना किसी के साथ भी होती है तो उसे तुरंत ही पुलिस के पास जाना चाहिए.