Utility News: भारत में हर दिन करोड़ों लोग ट्रेन से सफर करते हैं. यही वजह है कि भारतीय रेलवे को देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ (Backbone) कहा जाता है. दिलचस्प बात यह है कि रोजाना भारतीय ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या लगभग ऑस्ट्रेलिया की कुल जनसंख्या के बराबर होती है. इतने बड़े नेटवर्क को सुचारू रूप से चलाने के लिए रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा और अनुशासन को बनाए रखने हेतु कई सख्त नियम बनाए हैं.
इन्हीं नियमों में से एक है – एमरजेंसी चेन पुलिंग का प्रावधान. यह सुविधा यात्रियों को किसी आपात स्थिति में ट्रेन रोकने के लिए दी गई है. हालांकि, कई बार कुछ लोग इस सुविधा का गलत इस्तेमाल कर बैठते हैं, जो कि कानूनन अपराध है.
कब कर सकते हैं चेन पुलिंग?
भारतीय रेलवे के नियमों के मुताबिक, ट्रेन की चेन केवल आपात स्थिति (Emergency) में ही खींची जा सकती है. यह परिस्थितियां इस प्रकार हैं-
किसी यात्री को अचानक गंभीर चोट या मेडिकल इमरजेंसी हो जाए.
ट्रेन में आग लग जाए या कोई डकैती या लूट की वारदात हो.
कोई बच्चा, बुजुर्ग या विकलांग यात्री गलती से स्टेशन पर छूट जाए.
ऐसे मामलों में चेन खींचना वैध माना जाता है और रेलवे अधिकारी बाद में स्थिति की जांच कर सकते हैं.
बेवजह चेन खींचने पर सजा और जुर्माना
अगर कोई यात्री बिना किसी उचित कारण के ट्रेन की चेन खींचता है, तो यह कृत्य भारतीय रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 141 के अंतर्गत दंडनीय अपराध (Punishable Offence) माना जाता है.
इस धारा के तहत ऐसे व्यक्ति को 1 साल तक की जेल हो सकती है या ₹1,000 तक का जुर्माना या दोनों सजा एक साथ भी दी जा सकती हैं.
रेलवे का कहना है कि बेवजह चेन पुलिंग से पूरी ट्रेन का टाइमटेबल प्रभावित होता है, अन्य यात्रियों को परेशानी होती है और कभी-कभी इससे अन्य ट्रेनों की आवाजाही पर भी असर पड़ता है.
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क्यों जरूरी है सावधानी
रेलवे अधिकारियों का स्पष्ट कहना है कि चेन पुलिंग कोई मज़ाक नहीं, बल्कि यह सिर्फ आपात स्थिति में इस्तेमाल की जाने वाली सुरक्षा सुविधा है. बेवजह इसका उपयोग करना न केवल अपराध है, बल्कि इससे उन यात्रियों की जिंदगी पर असर पड़ सकता है, जिन्हें किसी जरूरी काम से गंतव्य तक पहुंचना होता है.
अगर आप ट्रेन से सफर कर रहे हैं, तो यह बात याद रखें – एमरजेंसी चेन पुलिंग केवल ज़रूरत के वक्त ही करें, वरना जेल और जुर्माना दोनों झेलने पड़ सकते हैं. भारतीय रेलवे यात्रियों से अनुशासन और जिम्मेदारी की उम्मीद रखती है ताकि सफर सुरक्षित, समय पर और सुविधाजनक बना रहे.









