Dhanteras 2023: धनतेरस एक ऐसा त्योहार है, जो कि हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है. धनतेरस दिवाली के समय मनाया जाता है और यह पूरे 5 दिन के त्योहारों की लिस्ट में शामिल होता है. एक तरह से देखा जाए तो दिवाली के त्योहार की शुरुआत धनतेरस के दिन से ही की जाती है. हिंदू धर्म में धनतेरस कार्तिक महीने की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. यह मुख्य रूप से भगवान धन्वंतरि का जन्म दिवस होता है.
ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के दिन ही भगवान धन्वंतरि अमृत कलश को लेकर के समुद्र मंथन से बाहर निकले थे. उस दिन से इसे खूब धूमधाम से मनाया जाने लगा और माना जाता है कि इस दिन जो भी सोना-चांदी आदि की खरीदारी करता है, वह बेहद शुभ होता है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, धनतेरस के दिन जो लोग बर्तन आदि खरीदने हैं, उनके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है लेकिन कुछ लोग इस दिन मुख्य तौर पर सोने की खरीदारी करते हैं.
धनतेरस के दिन सोना खरीदना बेहद शुभ
बता दें कि धनतेरस के दिन सोना खरीदना बेहद फलदाई माना जाता है. अगर हो सके तो अपने सामर्थ्य के मुताबिक, थोड़ा सा ही सही लेकिन सोने की खरीदारी जरूर करें. ऐसे बहुत सारे लोगों के मन में यह सवाल भी उठता है कि आखिर धनतेरस के दिन सोना खरीदना शुभ क्यों होता है तो आज हम इसके पीछे की एक कथा सुनाएंगे.
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पुराणों से जुड़ी हुई कथा बेहद प्रचलित
कई पंडितों और विशेषज्ञों के मुताबिक, धनतेरस के दिन सोना खरीदने के पीछे एक खास वजह है. सोना और सोने से जुड़े गहनों को भारतीय परंपरा का अभिन्न अंग माना जाता है. इन्हें समृद्धि सौभाग्य बहुत आयत के साथ-साथ सुविधा का प्रतीक भी माना जाता है दरअसल सोने में लोग धन की देवी लक्ष्मी के अवतार को देखते हैं ऐसे में दिवाली से पहले धनतेरस के दिन सोने के गहने खरीदने की प्रथा चलायमन है हालांकि जिनका बजट न हो वह लोग बर्तन समेत के अन्य नई चीजों की खरीदारी कर सकते हैं लेकिन इस दिन सोने का अलग ही महत्व होता है. सोना खरीदने के पीछे पुराणों से जुड़ी हुई कथा बेहद प्रचलित है. जब आप धनतेरस शब्द को बोलते हैं तो आपके मुंह से धन और तेरस दो शब्द निकलते हैं.
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सोना होता है सबसे शुद्ध धातु
ज्योतिष के मुताबिक, सोने को सबसे शुद्ध धातुओं में गिना जाता है. माना जाता है कि इसकी शुद्धता की वजह से इस धनतेरस के दिन जरूर खरीदना चाहिए. इस दिन जो लोग पवित्र धातु सोने को अपने घर पर लेकर आते हैं, उनके घर में साक्षात मां लक्ष्मी का आगमन शुरू हो जाता है और पूरे साल भर माता की कृपा बनी रहती है. धनतेरस के दिन सोना खरीदने के साथ-साथ उसका दान करना भी काफी फलदाई होता है इसलिए कुछ लोग तो सोने का दान भी करते हैं.
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पढ़िए धनतेरस की कथा
धनतेरस के दिन की पावन कथा हिम नाम के एक राजा के बेटे के श्राप से जुड़ी हुई है. माना जाता है कि राजा हिम के बेटे को श्राप मिला था कि शादी के चौथे दिन ही उसकी मौत हो जाएगी. इस बात का पता जब उस राजकुमार की पत्नी को लगा तो उसने एक प्लान बनाया. उसने अपने पति से शादी के चौथे दिन जागते रहने की बात कही. कहीं उसका पति सो न जाए, इसके लिए वह पूरी रात गीत और कहानियां सुनाती रही. इसके साथ ही उसने घर के मुख्य दरवाजे पर सोने-चांदी समेत अन्य बहुमूल्य गहने रख दिए. साथ ही साथ घर के चारों ओर खूब सारे दिए भी जला दिए. आधी रात के बाद जब यमराज सांप का रूप रख करके राजा हिम के बेटे की जान लेने आए तो सोने के आभूषणों और दीपों की चमक देखकर उनकी आंखों की दृष्टि चली गई. अंधे हो जाने की वजह से यमराज देवता उस राजकुमार के घर में प्रवेश नहीं कर पाए और उसके बाद वह आभूषणों के ढेर पर ही बैठ गए. रात भर उसकी पत्नी के गाए हुए गीतों को सुनते रहे.
अगले दिन जब सुबह हुई तो यमराज राजकुमार के जान लिए बिना ही वापस चले गए क्योंकि मृत्यु की घड़ी बीत चुकी थी. ऐसे में इस दिन कोई यमराज की दिशा बदलने के तौर पर भी देखा जाता है और इसी दिन से सोना खरीदने की प्रथा चल पड़ी बेहद शुभ होती है.
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भगवान धन्वंतरि भी समुद्र मंथन से निकले थे
धनतेरस पर सोने की खरीदारी धनतेरस को लेकर यह भी मान्यता है कि इस दिन भगवान धन्वंतरि भी समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी की तरह ही बाहर निकले थे. इस दौरान उनके हाथों में अमृत कलश था और इसी दिन से बर्तन आदि खरीदने की परंपरा भी शुरू हो गई. ज्यादातर लोग धनतेरस के दिन ही सोने-चांदी के गहने-बर्तन-सिक्के अधिक खरीदते हैं. कई लोग तो इसी दिन दिवाली की पूजा के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले गणेश लक्ष्मी को भी घर पर लेकर आते हैं. धनतेरस के दिन सोना खरीदना बेहद शुभ और फलदाई होता है लेकिन इसके साथ-साथ अगर आप अन्य चीजों को खरीदने में सक्षम हैं तो आप उसे भी खरीद सकते हैं, उसमें कोई मनाही नहीं है.
(Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारियां धार्मिक मान्यताओं-परंपराओं के अनुसार हैं. Readmeloud इनकी पुष्टि नहीं करता है.)
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