Lucknow News: ‘अंधेरी रातों में, सुनसान राहों पर, हर ज़ुल्म मिटाने को, एक मसीहा निकलता है… जिसे लोग शहंशाह कहते हैं… फिल्म शहंशाह के अमिताभ को आज भले ही लोग भूल गए हों, लेकिन कुछ इसी तरह मदद का शहंशाह बनकर लखनऊ के एम्पॉवर स्किल फाउंडेशन ने गरीब लोगों की आंखों में खुशी के आंसू ला दिए.
जी हां, जिस कड़ाके की ठंड में लोग अपने घरों में हीटर-अलाव जलाकर हाथ सेक रहे होते हैं, लोग अपने घरों की रजाइयों में चैन से फिल्म देख रहे होते हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो सड़कों के किनारे एक जोड़ी कपड़े में ठिठुर रहे होते हैं. गरीबी और परिवार की जिम्मेदारियों के चलते वह रजाई-कंबल नहीं खरीद पाते हैं, ऐसे लोगों के लिए किरण की उम्मीद बनकर एम्पॉवर स्किल फाउंडेशन सामने आया है, जिसने इस कड़कड़ाती सर्दी में भी सड़क किनारे गुजारा करने वाले गरीबों के चेहरे की रौनक बढ़ा दी है.
जी हां, जिस उम्र में युवा अपने शौक पूरे करते हैं, वहीं, एम्पॉवर स्किल फाउंडेशन के लिए काम करने वाले युवा दूसरों के लिए जीते हैं. इसका जीता-जागता उदाहरण एम्पॉवर स्किल फाउंडेशन ने हाल ही में कंबल बांटकर किया है. 29 दिसंबर को एम्पॉवर स्किल फाउंडेशन के 7 लोगों ने रात 11 बजे के बाद शहर की अलग-अलग जगहों पर ज़रूरतमंदों को कंबल बांटे. इस संस्था ने राजाजीपुरम से लेकर हनुमान सेतु तक सड़क किनारे सो रहे ज़रूरतमंदों को कंबल दिए.
संस्था की अध्यक्ष वर्षा श्रीवास्तव ने बताया कि संस्था के सदस्यों – अनुज श्रीवास्तव, ब्यूटी खत्री, आशीष शर्मा, सौरभ, नितेश, वत्सल, सौरभ, निदा, करन एवं एकांश के योगदान से ये वितरण संभव हो पाया है. कंबल खरीदने हेतु धनराशि एकत्रित की जा रही है और आगे भी इस तरह के कंबल वितरण कार्यक्रम होते रहेंगे.