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Eye Flu: यहां जानिए क्या है ‘आई फ्लू’? इसके लक्षण, कारण, बचाव और इलाज का तरीका

Eye Flu in Hindi: मानसून के आते ही देश के कई हिस्सों में बाढ़ के हालात बन गए हैं. ज्यादा बारिश की वजह से मौसम में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. इसकी वजह से कई बीमारियां तेजी से पैर पसार रही हैं. बाढ़ और बारिश के कारण सबसे ज्यादा आंखों से जुड़ी बीमारियां फैल रही हैं. इसके चलते आपको अपने आसपास कई लोग आंखों पर काला चश्मा लगाए मिल जाएंगे. दरअसल आंखें शरीर का सबसे सेंसिटिव अंग मानी जाती हैं. ऐसे में आंखों में सबसे पहले इंफेक्शन फैल जाता है.

आंखों में इंफेक्शन की वजह से लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आजकल पूरे देश के कई हिस्सों में तेजी से आई फ्लू यानी कि कंजेक्टिवाइटिस तेजी से पैर पसार रहा है. इसके चलते लोगों को अपनी आंखों में लालिमा, खुजली, दर्द और सूजन की परेशानियां हो रही हैं. कई लोग आई फ्लू के लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. मेडिकल भाषा में इसे पिंक आई भी कहा जाता है तो कुछ लोग हिंदी में इसे आंख आना कहते हैं. बता दें कि आई फ्लू की वजह से हर साल लाखों लोगों पर असर पड़ता है. अगर समय रहते इसका इलाज ना करवाया जाए तो कई लोगों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं.

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क्या है आई फ्लू
आई फ्लू यानी कि कंजेक्टिवाइटिस आंखों से जुड़ा संक्रमण है. इसके चलते आंखों में दर्द, लालिमा, सूजन जैसी दिक्कतें होने लगती हैं. आई फ्लू वायरस संक्रमित शख्स के संपर्क में आने वाले दूसरे व्यक्ति को भी यह आसानी से फैल जाता है. कुछ लोग आई फ्लू को आंखों का कोरोना भी कहते हैं.

कैसे फैलता है आई फ्लू
अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति आई फ्लू संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में सीधा आता है तो भी उसे यह बीमारी बड़ी ही तेजी से हो जाती है. इसके साथ ही यह हाथों की गंदगी से भी बीमारी फैलती है. आई फ्लू फैलने के कारण बारिश के दिनों में सबसे ज्यादा आंखों की समस्याएं होती हैं. दरअसल इस मौसम के वातावरण में संक्रमण फैलने के चलते लोग आई फ्लू का शिकार हो जाते हैं. असली बचत धूल-मिट्टी, गंदगी आदि होती है, जिसकी वजह से लोगों की आंखों में एलर्जी की शिकायत हो जाती है. कंजेक्टिवाइटिस यानी कि आई फ्लू में आंखों के सफेद हिस्से में मौजूद लेयर कंजेक्टिवा में सूजन हो जाती है. यह बात आप जानते हैं कि बारिश के मौसम में नमी के चलते वायरस और बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं और इसकी वजह से लोगों को आंखों में एलर्जी और इन्फेक्शन हो सकता है. आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में भूलकर भी आने से बचना चाहिए और इसके साथ ही बार-बार अपनी आंखों को छूने से बचना चाहिए.

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आई फ्लू के प्रमुख लक्षण
आई फ्लू यानी कि कंजेक्टिवाइटिस से जूझ रहे लोगों को सबसे पहले अपनी आंखों में दर्द, सूजन और लालिमा जैसी दिक्कतें होती हैं. कई बार लोगों की आंखों से पानी भी बहने लगता है. अगर यह संक्रमण बढ़ जाता है तो लोगों को देखने में भी दिक्कत होने लगती है. इसलिए आपको बताते हैं कि आई फ्लू के और क्या-क्या लक्षण होते हैं-
आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति की आंखें लाल हो जाती हैं.
आंखों में ज्यादा कीचड़ आने लगता है.
सुबह उठने पर आंखों में चिपचिपाहट महसूस होती है.
आंखों में दर्द रहने लगता है आंखें सूख जाती हैं.
आंखों में खुजली होती है और पानी आना लगता है.

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क्या है आई फ्लू का इलाज
आंखों में जरा भी आई फ्लू के लक्षण दिखने पर कभी भी खुद से इलाज नहीं करना चाहिए. सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. इसके बाद डॉक्टर मरीज की आंखों को चेक करने के बाद स्थिति और लक्षणों के आधार पर दवाइयों का सेवन करने की सलाह देते हैं. जिन लोगों की आंखों में आई फ्लू का गंभीर असर होता है. उन्हें हाइ डोज की दवाएं दी जाती हैं. कहते हैं इसके अलावा आई फ्लू के मरीजों को घर से बाहर निकलते समय हमेशा काला चश्मा जरूर पहनना चाहिए.

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आई फ्लू से बचने के लिए ध्यान रखें ये बातें
आई फ्लू से बचने के लिए आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए. दरअसल बारिश में आई फ्लू का खतरा सबसे ज्यादा होता है. ऐसे में लोगों को साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए. अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन से धुलते रहना चाहिए. आई फ्लू की समस्या हाथों से ही लोगों में फैलने का डर होता है. कभी भी गंदे हाथों से आंखों को नहीं छूना चाहिए. बारिश के मौसम में तौलिया, कपड़े, टूथब्रश समेत अन्य चीजों को किसी दूसरे के साथ शेयर नहीं करनी चाहिए. सार्वजनिक जगहों पर जाने के बाद लौट कर आते ही सबसे पहले हाथों को अच्छे तरीके से धुलना चाहिए. धूल-मिट्टी से आंखों को बचाने के लिए सनग्लासेस का इस्तेमाल करना चाहिए.

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