karwa chauth poem

Karwa Chauth 2025: चांद से पहले तेरा दीदार चाहूं….

सजनी बनकर आज खड़ी हूं,
चांद से पहले तेरा दीदार चाहूं.
करवा चौथ का ये व्रत मैंने रखा,
तेरी लंबी उम्र की दुआ मैं मांगूं…

सुबह से ही मन में उमंग है,
तेरे संग जीवन का रंग है.
भूख-प्यास सब सह लूंगी मैं,
तेरी मुस्कान ही मेरा प्रसंग है..

तेरे बिना अधूरा मेरा जहां है,
तेरे संग ही मेरा सम्मान है.
जीवन की हर मुश्किल में तू,
मेरी शक्ति, मेरा अभिमान है…

जब-जब थककर मैं गिर जाती,
तेरे शब्द मुझे संबल देते.
तेरी आंखों की ममता से ही,
मेरे सपनों को पंख मिलते…

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करवा चौथ का ये पावन पर्व,
सिर्फ़ रीति नहीं, है मेरा प्रेम.
तेरे लिए मैं व्रत निभाती,
तेरे लिए ही जलता हर दीप…

चांद की उजली चांदनी जैसे,
तेरे जीवन में उजाला लाऊं.
तेरी हर सांस में दुआ बनकर,
सदा तेरे संग निभाऊं..

तेरी हंसी है मेरी पूजा,
तेरा सुख ही मेरी साधना.
तुझसे ही है मेरी पहचान,
तू ही मेरा प्रेम, तू ही कामना…

आज के दिन मैं मांगूं बस इतना,
हर जन्म में तू मेरा साथी बने.
तेरी बांहों में सुकून मिले,
तेरे संग जीवन पावन बने….

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