Goddess Saraswati on Tongue: अक्सर आपने सुना होगा कि घर-परिवार में बड़े लोग हमेशा कहते हैं कि जब भी बोलो तो सोच-समझ कर बोलो. दरअसल, धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक, 24 घंटे में एक समय ऐसा भी आता है, जब ज्ञान की देवी मां सरस्वती इंसान की जीभ पर आकर बैठती हैं. कहा जाता है कि उस समय जो कुछ भी बोला जाए, वह बात सच हो जाती है. इसलिए कभी किसी के बारे में अपशब्द नहीं बोलने चाहिए.
माता सरस्वती को विद्या और ज्ञान की देवी के रूप में जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं में बताया गया है कि 24 घंटे में एक समय ऐसा होता है, जब मां सरस्वती हर शख्स की जीभ पर आती हैं. जिस समय मां सरस्वती जीभ पर आती हैं, से समय अगर कोई भी इंसान अपने बुद्धि, ज्ञान, सेहत, कैरियर या किसी भी तरह की सफलता से जुड़ी कोई भी बात बोलता है तो वह सच हो जाती है. उस समय मां सरस्वती मेहरबान रहती हैं और वह शख्स जिंदगी में तरक्की की ऊंचाइयों को छूने लगता है. बहुत सारे लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर वह कौन सा समय होता है, जब मां सरस्वती जीभ पर आती हैं तो इस बारे में आज हम आपको बताएंगे.
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इस समय जीभ पर आती हैं मां सरस्वती
धार्मिक शास्त्रों में ब्रह्म मुहूर्त को सबसे शुभ बताया गया है. कहते हैं सुबह 3:00 के बाद और सूर्योदय से पहले के समय को ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है. शास्त्रों के अनुसार, सुबह 3:20 से लेकर के 3:40 के बीच हर इंसान की जीभ पर मां सरस्वती खुद विराजमान होने के लिए आती हैं. उस समय इंसान अगर कुछ भी बोलता है तो वह सच हो जाती है हालांकि कई लोग माता सरस्वती के जीभ पर बैठने का समय 3:10 से लेकर के 3:15 तक भी बताते हैं.
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फलदायी है मां सरस्वती का मंत्र
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, यह वही समय होता है, जिस समय आप अपने मन की जो भी इच्छा कामना करते हैं, वह तुरंत पूरी हो जाती है. माता सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता है, इसलिए उन्हें प्रतिदिन ‘ऊँ ऐं हीं क्लीं महासरस्वत्यै नमः’ के मंत्र का जाप करना चाहिए. इससे बच्चों में बुद्धि और ज्ञान का विकास होता है.
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अहित की इच्छा न पूरी करती हैं मां सरस्वती
आपको किसी भी पूजा धार्मिक अनुष्ठान का फल तभी मिल पाता है जब आप उसका पूर्ण तौर तरीकों से पालन करते हैं. ध्यान रहे कि अगर आप किसी के हित की बात बोलते हैं तो उसे मां सरस्वती जरूर पूरा करती हैं लेकिन अगर किसी के अहित की बात कहते हैं, तो वह पूरा नहीं होता है.
(Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारियां धार्मिक मान्यताओं-परंपराओं के अनुसार हैं. Readmeloud इनकी पुष्टि नहीं करता है.)