Rajasthan Weather: राजस्थान इस साल मानसून की मेहरबानी से तर-बतर हो गया है. आमतौर पर जहां सूखा और पानी की किल्लत सुर्खियों में रहती है, वहीं इस बार बारिश ने उम्मीदों से कहीं ज्यादा राहत दी है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में इस बार मानसून ने दोगुने से ज्यादा बारिश का कोटा पूरा कर लिया है.
बाड़मेर और जैसलमेर जैसे रेगिस्तानी जिलों में अब तक बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. इन इलाकों में लगातार हो रही बारिश से जहां जलभराव की स्थिति बनी हुई है, वहीं किसानों के चेहरों पर भी रौनक देखने को मिल रही है.
कई जिलों में बारिश थमते ही बढ़ा तापमान
दूसरी ओर, जयपुर, अजमेर, कोटा और उदयपुर जैसे जिलों में फिलहाल बारिश का दौर कमजोर हो गया है. नतीजतन तापमान में फिर से 2 से 3 डिग्री तक बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. दिन में उमस और रात में हल्की ठंडक महसूस की जा रही है.
सितंबर: विदाई का महीना, लेकिन अभी नहीं जा रहा मानसून
सामान्यतः सितंबर को मानसून की विदाई का महीना माना जाता है. लेकिन इस बार हालात कुछ अलग हैं. आईएमडी ने अभी तक मानसून की आधिकारिक विदाई की तारीख घोषित नहीं की है. मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाओं के कारण सिस्टम सक्रिय बना हुआ है, जिसके चलते मानसून फिलहाल विदा नहीं होगा.
आईएमडी ने 12 से 18 सितंबर तक राजस्थान के लिए अलग-अलग पूर्वानुमान जारी किए हैं-
पूर्वी राजस्थान: इस दौरान सामान्य बारिश होने की संभावना है.
पश्चिमी राजस्थान: बारिश सामान्य से कम या लगभग न के बराबर रहने का अनुमान है.
तापमान: अगले एक सप्ताह तक तापमान में 2-3 डिग्री तक बढ़ोतरी होगी.
बारिश की स्थिति: 16 सितंबर तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में शुष्क मौसम रहेगा. हालांकि, कुछ जिलों में हल्की फुहारें पड़ सकती हैं.
17 सितंबर से नया वेदर सिस्टम होगा सक्रिय
मौसम विभाग के मुताबिक, 17 सितंबर से एक नया लो-प्रेशर सिस्टम सक्रिय होने जा रहा है. इसके प्रभाव से दक्षिण-पूर्वी और पूर्वी राजस्थान के कई जिलों में मेघगर्जन और बिजली चमकने के साथ झमाझम बारिश हो सकती है. इसका असर खासतौर पर भरतपुर, कोटा, जयपुर और उदयपुर संभाग पर पड़ने की संभावना है.
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आगामी दिनों में होनी वाली बारिश को लेकर कहा जा रहा है कि यह किसानों के लिए यह बारिश फायदेमंद साबित हो सकती है, क्योंकि खरीफ की फसलों को अतिरिक्त पानी मिलेगा. वहीं, लगातार हो रही बारिश से जलभराव और ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन की दिक्कतें भी सामने आ सकती हैं. शहरों में सीवरेज और नालियों की स्थिति बिगड़ने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ सकती है.