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Rajasthan Weather: झुंझुनू-कोटा समेत 8 जिलों में अलर्ट! अचानक बारिश और तेज हवाओं से बढ़ा खतरा

Rajasthan Weather: राजस्थान में दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई के बावजूद मौसम ने एक बार फिर पलटी मार दी है. भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के जयपुर केंद्र ने राज्य के आठ जिलों- झुंझुनू, चूरू, सीकर, बूंदी, बारां, कोटा, झालावाड़ और सवाई माधोपुर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. यह चेतावनी भारी बारिश, गरज-चमक के साथ तूफान और तेज हवाओं की संभावना को देखते हुए जारी की गई है.

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस समय एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ राज्य के पूर्वी और उत्तरी हिस्सों में असर डाल रहा है. इसके साथ ही बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी आ रही है और ऊपरी हवाएं भी सक्रिय हो गई हैं. दोनों कारणों से अचानक बारिश और तूफानी गतिविधियों की स्थिति बन रही है.

कितनी बारिश हो सकती है?
मौसम विभाग के मुताबिक, प्रभावित जिलों में 50 से 75 मिमी तक बारिश दर्ज हो सकती है. कुछ इलाकों में वर्षा का स्तर बहुत भारी श्रेणी तक पहुंच सकता है. विभाग ने प्रशासन को अलर्ट पर रहने की सलाह दी है, खासकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी, जल निकासी व्यवस्था दुरुस्त रखने और राहत कार्यों के लिए टीमें तैयार रखने को कहा गया है.

किसानों के लिए राहत, लेकिन खतरा भी
झुंझुनू और चूरू जैसे शुष्क जिलों में यह बारिश किसानों के लिए संजीवनी साबित हो सकती है. रबी की फसलों की बुआई से पहले मिट्टी में नमी जरूरी होती है और यह वर्षा उनके लिए वरदान बन सकती है. हालांकि, सीकर और सवाई माधोपुर जैसे इलाकों में नदियों और नालों के जलग्रहण क्षेत्रों में पानी का दबाव बढ़ सकता है, जिससे स्थानीय लोगों को दिक्कतें झेलनी पड़ सकती हैं.

चंबल का जलस्तर बढ़ने का खतरा
कोटा संभाग के बूंदी, बारां, कोटा और झालावाड़ में चंबल नदी और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है. पिछले हफ्ते हुई हल्की बारिश से ही इन जिलों में कई सड़कें जलमग्न हो गई थीं. विभाग ने चेताया है कि अगर आगामी 48 घंटों में बारिश तेज हुई तो यहां बाढ़ जैसी स्थिति भी बन सकती है.

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रणथंभौर के लिए खतरे की घंटी
सवाई माधोपुर में रणथंभौर अभयारण्य और आसपास के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. बारिश का दबाव बढ़ने से वन्यजीवों की आवाजाही प्रभावित हो सकती है और पार्क प्रशासन को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ सकती है.

मानसून की विदाई के बावजूद राजस्थान का मौसम अभी शांत नहीं हुआ है. जहां एक ओर यह बारिश किसानों के लिए उम्मीदें लेकर आई है, वहीं दूसरी ओर बाढ़ और जलभराव का खतरा भी साथ ला रही है. अगले 48 घंटे राज्य के कई जिलों के लिए बेहद अहम साबित हो सकते हैं.

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