Rajasthan Weather: राजस्थान में इस समय बारिश का दौर ऐसा चल रहा है, मानो मानसून की विदाई नहीं बल्कि इसकी शुरुआत हो रही हो. बीते 24 घंटों में जयपुर, अलवर, नागौर, बूंदी, हनुमानगढ़, झालावाड़, सीकर, भरतपुर, अजमेर, श्रीगंगानगर, बीकानेर, कोटा और उदयपुर संभाग के कई जिलों में जोरदार बारिश दर्ज की गई है. राजधानी जयपुर और उसके ग्रामीण इलाकों में 92 मिमी तक बारिश हुई, जिससे कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति बन गई और यातायात व्यवस्था पर इसका सीधा असर पड़ा.
जयपुर मौसम केंद्र ने पहले ही 20 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया था, जिसके बाद अधिकांश इलाकों में हल्की से तेज बारिश दर्ज की गई. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पिछले 24 घंटों में मेघगर्जन, तेज हवाओं और बारिश की गतिविधियां देखने को मिलीं. सबसे अधिक 100 मिमी वर्षा भीलवाड़ा के भैंसरोडगढ़ और चित्तौड़गढ़ में रिकॉर्ड की गई.
12 जिलों में चेतावनी जारी
मौसम विभाग ने आज सीकर, जयपुर, बीकानेर, अजमेर और भरतपुर सहित 12 जिलों में आकाशीय बिजली, ओलावृष्टि और तेज बारिश को लेकर चेतावनी जारी की है. विशेषज्ञों के अनुसार, कच्छ क्षेत्र के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है और निचले वायुमंडलीय स्तरों में राजस्थान के ऊपर एक ट्रफ लाइन सक्रिय है. इसी कारण मेघगर्जन, तेज हवाओं और ओलावृष्टि के साथ बारिश का सिलसिला जारी है.
लगातार बारिश से प्रदेश के 10 जिलों में तापमान में तेज गिरावट दर्ज की गई है. 15 शहरों में दिन का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है. बारिश और नमी बढ़ने से दिन और रात के तापमान में करीब 5 डिग्री का अंतर देखा गया है. पिछले 24 घंटों में तापमान में सबसे तेज गिरावट सीकर में दर्ज की गई, जहां अधिकतम तापमान मात्र 22.5 डिग्री रहा. वहीं हनुमानगढ़ में अधिकतम तापमान 26.4 डिग्री और न्यूनतम 25.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, यानी दिन और रात के तापमान में केवल 1 डिग्री का अंतर रहा.
अलवर में किसानों की बढ़ी चिंता
अलवर में बुधवार को मौसम ने अचानक करवट ली. सुबह से चल रही रिमझिम बारिश धीरे-धीरे तेज बारिश में बदल गई. दिनभर चली ठंडी हवाओं और लगातार होती बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत दी, लेकिन शहर के कई इलाकों में जलभराव से यातायात प्रभावित रहा. बारिश से मौसम में ठंडक घुल गई है और तापमान में गिरावट दर्ज हुई है.
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इस बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. जिले में इस समय प्याज की फसल खेतों में खड़ी है, और लगातार बारिश से फसल में गलन और जड़ों में सड़न का खतरा बढ़ गया है. किसानों का कहना है कि अगर यही स्थिति बनी रही तो फसल को भारी नुकसान हो सकता है. मौसम विभाग ने आने वाले घंटों में और बारिश की संभावना जताई है.
8 अक्टूबर से मौसम में बदलाव की उम्मीद
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 8 अक्टूबर से कुछ जिलों में बारिश का असर कम होने लगेगा. इसके बाद दिन के तापमान में बढ़ोतरी और मौसम में शुष्कता आने की संभावना है. अधिकांश क्षेत्रों में तापमान में 3 से 5 डिग्री की वृद्धि देखी जा सकती है.