Goddess Lakshmi Idol Tips: हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी का विशेष स्थान बताया गया है. इन्हें धन की देवी कहा जाता है. वहीं, वास्तु शास्त्र में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं, जो कि घर की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में सहायता करते हैं और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में भी कारगर होते हैं लेकिन कई बार लोग अनजाने में देवी-देवताओं की गलत मूर्ति को घर में रख लेते हैं या घर में गलत दिशा में रख लेते हैं. इससे उनके घर में सकारात्मकता के बजाय नकारात्मकता का संचार होना शुरू हो जाता है.
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हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, जिस भी घर में माता लक्ष्मी का वास होता है, वहां पर कभी भी धन दौलत की कमी नहीं होती है लेकिन इसके लिए आपको माता लक्ष्मी की मूर्ति को सही दिशा और सही तरीके से रखना बेहद बेहद जरूरी माना गया है. घर में माता लक्ष्मी की मूर्ति को किस जगह, किस दिशा और किस स्थिति में रखें कि उनकी कृपा प्राप्त हो, चलिए आपको बताते हैं-
कभी भी घर में माता लक्ष्मी की एक से अधिक मूर्ति नहीं रखनी चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो इससे घर में नकारात्मकता आती है.
ज्यादातर देखा जाता है कि लोग अपने घर में भगवान गणेश के साथ माता लक्ष्मी की मूर्ति रखते हैं लेकिन ऐसा करना जरूरी नहीं है कि माता लक्ष्मी की मूर्ति को केवल गणपति बप्पा के साथ ही रखें. आप माता लक्ष्मी की मूर्ति को भगवान विष्णु और कुबेर जी के साथ भी रख सकते हैं हालांकि ध्यान रखें कि अगर गणेश जी की मूर्ति रख रहे हैं तो माता लक्ष्मी की मूर्ति सदैव दाएं तरफ ही रखें. वहीं, भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की मूर्ति को बाई ओर रखें.
कभी भी माता लक्ष्मी की मूर्ति को इधर-उधर नहीं रखना चाहिए. हमेशा घर के मंदिर में किसी चौकी या फिर टेबल पर रखना चाहिए. कभी भी माता लक्ष्मी की मूर्ति को जमीन पर भूल कर भी नहीं रखना चाहिए.
वास्तु शास्त्र बताया गया है की माता लक्ष्मी की मूर्ति हमेशा घर के ईशान यानी कि उत्तर पूर्व दिशा की तरफ रखनी चाहिए. ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि का वास होता है. उत्तर पश्चिम दिशा में भी माता की मूर्ति रखी जा सकती है.
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हमेशा घर में माता लक्ष्मी की वही मूर्ति लानी चाहिए, जिसमें वह कमाल के आसन पर विराजमान हों. कभी भी घर में खड़ी अवस्था में माता लक्ष्मी की मूर्ति नहीं रखनी चाहिए. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि माता की मूर्ति कहीं से भी जली, खंडित या टूटी हुई ना हो.
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारियां धार्मिक मान्यताओं-परंपराओं के अनुसार हैं. Readmeloud इनकी पुष्टि नहीं करता है.