Maldivian Constitution: दुनिया भर के कई देशों में हिंदू मंदिर बनाए गए हैं. इससे वहां पर रहने वाले हिंदू लोग पूजा करते हैं हालांकि दुनिया भर के कई मुस्लिम देशों में भी मंदिर बने हुए हैं. इनमें पाकिस्तान भी शामिल है. यहां पर न केवल हिंदू त्योहार मनाए जाते हैं बल्कि बिना किसी पाबंदी के पूजा-पाठ भी किया जाता है लेकिन भारत का ही एक पड़ोसी देश ऐसा भी है, जहां पर हिंदू मंदिर बनाना पूरी तरह से बैन है. यहां तक की वहां पर काम करने वाले हिंदू भी सबके सामने खुलेआम पूजा नहीं कर सकते हैं. अगर उन्हें करनी है तो वह बेचारे छिपकर पूजा करते हैं.
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हैरानी तो इस बात की है कि यह देश पहले हिंदू और बौद्ध धर्म के लोगों के लिए घर हुआ करता था लेकिन अब यहां पर हिंदू मंदिरों को बनाने की कोई अनुमति नहीं है. वहीं दूसरी तरफ भारत के साथ उतार-चढ़ाव संबंध बने हुए हैं. यह देश पानी से लेकर सब्जियां जैसी कई अहम चीजों की आपूर्ति के लिए भारत पर ही निर्भर है. अब आपके मन में यह सवाल उठा होगा कि आखिर कौन सा ऐसा देश है, जहां पर हिंदू मंदिर बनाने की अनुमति नहीं है तो बता दें उसका नाम है मालदीव.
मालदीव के संविधान के मुताबिक, यहां के सभी नागरिकों का मुस्लिम होना जरूरी है. इसके चलते यहां पर गैर इस्लामी धार्मिक प्रथाओं, प्रतियों और पूजा स्थलों को लेकर के सख्त कानून बनाया गया है. इसी के चलते वहां पर हिंदू मंदिर बनाना बैन रखा गया है. सख्त कानूनी, धार्मिक और संवैधानिक नीतियों की वजह से मालदीव में हिंदू मंदिर बनाने की परमिशन नहीं है.
मालदीव के संविधान को 2008 में संशोधित किया गया था और देश को 100% इस्लामिक राष्ट्र घोषित किया गया. अनुच्छेद 9 के मुताबिक, मालदीव के नागरिक केवल मुसलमान ही हो सकते हैं. यही वजह है कि यहां पर गैर इस्लामी धर्म का प्रचार प्रसार और सार्वजनिक प्रदर्शन पूर्ण तरह से वर्जित है. इसका मतलब होता है कि मालदीव में किसी भी तरह का हिंदू मंदिर, गुरुद्वारा, चर्च या फिर कोई भी अन्य गैर इस्लामी पूजा स्थल नहीं बनाया जा सकता है.
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ऐतिहासिक तौर पर देखा जाए तो मालदीव कभी हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म से भी प्रभावित रह चुका है. 12वीं शताब्दी तक मालदीव के राजा से लेकर आम जनता इन धर्म की अनुयायी थी. वहीं, अब व्यापारियों, सूफी प्रचारकों के आगमन के बाद मालदीव शासकों ने इस्लामी धर्म को अपना लिया और फिर यह पूर्ण रूप से इस्लामिक राज्य बन गया.