तुमसे इश्क़ किया तो जाना है,
तुम्हारे कंधों पर अनगिनत जिम्मेदारियों का ताना-बाना है.
तुम सिर्फ मेरे पति नहीं हो,
बेटा हो, भाई हो, दोस्त हो और कर्मचारी भी हो.
इतने लोगों की भीड़ में मुझे खास बताते हो,
है मुझसे कितना प्यार, कितनी खूबी से समझाते हो.
पूरे परिवार की हंसी का ख्याल है तुम्हें,
कभी किसी चीज की कमी महसूस न हो हमें,
छोटे-मोटे दर्द तो तुम यूं ही झेल जाते हो,
बड़ी तकलीफों में मुस्कुराकर निकल आते हो.
जालिम जमाने ने सिर्फ तुुन्हें हराने की कोशिश की है,
झूठे अपनों ने हर कदम पर साजिश की है.
घर का रेंट, ईएमआई, गैस और बिजली का बिल,
इन सब में अक्सर उलझे रहते हैं तुम्हारे दिन.
दिन भर के थके हारे जब घर आते हो,
झूठी मुस्कुराहट से थकावट हर बार छिपाते हो.
याद है मुझे जब घर से दूर जाती हूं,
कैसे जाओगी, कब आओगी..जैसे सवालों से घबरा जाते हो.
जिम्मेदारियों के बोझ तले दबाई तुमने कई ख्वाहिशें हैं,
दिलों में तुम्हारे झूमती सपनों की कई आतिशें हैं.
जरा सब्र तो रखो पूरे होने तुम्हारे हर सपने हैं,
देखेंगे लोग कैसे किस्मत ने टेके अपने घुटने हैं.
जब भी कभी हुई मैं परेशान हूं, तुमको संग पाया है,
समझनी चाही है तुम्हारी हर बात, भले न तुमने बताया है.
लो कहती हूं आज तुमसे- पीछे तुम्हारे सात जन्मों तक चलना है,
कभी तुम्हें मनाना है तो कभी जमकर रूठना है.
तुमसे इश्क़ किया तो जाना है,
तुम्हारे कंधों पर अनगिनत जिम्मेदारियों का ताना-बाना है.
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