asthma attack

ठंड में नहीं बढ़ेंगी अस्थमा की तकलीफें, आयुर्वेद के इन उपायों से तुरंत मिलेगा आराम

How To Manage Asthma in Winters: जैसे सर्दियों का मौसम आता है, वैसे ही अस्थमा के रोगियों की दिक्कतें बढ़ जाती हैं. दरअसल अस्थमा सांस से जुड़ी एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जिसमें सांस की नली में सूजन आ जाती है. ठंड के मौसम में बच्चे हों या बड़े, सभी इस बीमारी की चपेट में आना शुरू करते हैं. अस्थमा के प्रमुख लक्षणों की बात करें तो इसमें सांस लेने में कठिनाई, सांस फूलना, खांसते समय सीने में दर्द होना आदि शामिल हैं.

कभी भी अस्थमा के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और सही समय पर इसका इलाज करवा लेना चाहिए क्योंकि अगर अस्थमा का सही समय पर सही तरीके से इलाज न किया जाए तो उसके लक्षण बढ़ जाते हैं. ऐसे में आज आपको कुछ ऐसे आयुर्वेदिक उपाय बताएंगे, जिससे आप सर्दियों के मौसम में अस्थमा के लक्षण को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं. यह आयुर्वेदिक उपाय आपकी समस्या को काफी हद तक कम कर देंगे.

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अदरक
सर्दियों के मौसम में हर घर में अदरक जरूर मौजूद होती है. इसका इस्तेमाल हर घर में किया जाता है. ज्यादातर लोग इसका उपयोग चाय बनाने में करते हैं तो कुछ लोग सब्जियों में भी इसे इस्तेमाल करते हैं लेकिन आयुर्वेद में बताया गया है कि यह कफ को कम करने की रामबाण दवा है और अस्थमा के रोगियों के लिए काफी लाभदायक है. अदरक के सेवन से श्वास नली को फैलाने में मदद मिलती है. इससे सांस लेने की दिक्कत में काफी हद तक आराम मिलता है. अदरक की चाय बनाने के लिए सबसे पहले आपको बारीक कटी हुई अदरक को काटकर पानी में डालकर डालना चाहिए. फिर उसमें थोड़ा शहद और नींबू का रस मिलाना चाहिए. इस चाय को दिन में एक दो बार सेवन करना चाहिए. इस चाय को पीने से फेफड़ों की समस्याओं से आराम मिलता है.
अगर आप अस्थमा के लक्षण से राहत पाना चाहते हैं तो आप अदरक का ताजा रस निकालकर भी पी सकते हैं और अगर आप इसमें शहद मिला लेते हैं तो यह बहुत ही जल्दी असर करती है.

तुलसी
अस्थमा के रोगियों के लिए तुलसी काफी लाभदायक मानी जाती है. इसमें रेस्पिरेटरी ट्रैक में जमा कफ को दूर करने में मदद मिलती है. साथ ही नली की सूजन भी कम होती है इसे बनाने के लिए सबसे पहले आपको 5 से 10 तुलसी की पत्तियां पानी में उबालनी हैं और फिर हल्का गुनगुना हो जाने पर शहद मिला देना है. अगर आप दिन में इसका एक से दो बार सेवन करते हैं तो आपको खांसी से आराम मिलता हो गले में जमा का भी दूर होता है. अगर आप चाहे तो तुलसी की पत्तियों का डायरेक्ट सेवन कर सकते हैं. इसके लिए आपके करीब 5 से 6 तुलसी पत्तियों को रोजाना चबाना है या फिर फिर सलाद में डालकर खाना है.

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मुलेठी
आयुर्वेद में कफ को ठीक करने की सबसे बेहतरीन चीज मुलेठी मानी जाती है. यह कफ को गले में जमने से रोकती है. कफ को शांत वाले गुणों की इसमें भरमार होती है. अस्थमा रोगियों के लिए काफी लाभदायक मानी जाती है और खांसी से बहुत ही जल्द आराम मिलता है. इसके लिए आपको मुलेठी के चूर्ण को शहद या गुनगुने पानी में एक साथ मिलाकर पीना है. मुलेठी को आप चाय के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई बातों, जानकारियों और सुझाव पर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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