aao mere humsafar aao romantic love poem in hindi

लफ्ज़ों से तुम कुछ कह ना पाओ, आओ मेरे हमसफर आओ

मेरे हमसफर आओ,
बना लो मुझे अपना.
तुम मेरे हो जाओ,
मेरे हमसफर आओ.

किया बहुत है तुम्हारा इंतजार,
टूटकर बाहों में करना है इकरार,
लफ्ज़ों से तुम भी कुछ कह ना पाओ,
आओ मेरे हमसफर आओ.

इक शिद्दत से तुम्हें चाहेंगे,
मेरे लबों के निशां रह जाएंगे,
कि इक पल तुम भी दूर न रह पाओ,
आओ मेरे हमसफर आओ.

कैसे कहें कि अब अल्फाज़ों की कमी है,
इन आंखों में तेरे इश्क़ की नमी है,
नहीं रहना दूर कि अब संग ले जाओ,
आओ मेरे हमसफर आओ.

सुनानी तुम्हें जज़्बातों की कहानी है,
अब तक ये दुनिया जिससे बेगानी है,
आकर अब ये सांसें महका जाओ,
आओ मेरे हमसफर आओ.

मोहब्बत में तुम्हें हम खुदा बना लेंगे,
तुम चाहोगे तो भी जुदा न होंगे,
नदी सा भटक रही हूं तुम समंदर सा मिल जाओ,
आओ मेरे हमसफर आओ.

9 thoughts on “लफ्ज़ों से तुम कुछ कह ना पाओ, आओ मेरे हमसफर आओ”

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