tawayafon ke balidan

तवायफ बनने के लिए जरूरी थे ये 5 बलिदान

Courtesans Have to Sacrifice These Things: आपने तवायफों के बारे में तो सुना ही होगा, जो कि हमेशा नाच-गाने में डूबी रहती थी और अपनी खूबसूरती के दम पर कद्रदानों से मोटी रकम वसूलती थी. ज्यादातर तवायफों की जिंदगी को चकाचौंध से भरा हुआ बताया जाता है. वहां पर गीत-संगीत को बढ़ावा दिया जाता था और तहजीब और इज्जत की दुनिया भी सजती थी लेकिन क्या आप जानते हैं तवायफों की जिंदगी सिक्के के दो पहलुओं के जैसी होती है.

तवायफों की जिंदगी का रंगीन पहलू तो हर कोई देख चुका होता है लेकिन उसके दूसरे पहलू पर किसी ने गौर नहीं किया होता है. कहा जाता है कि जो तवायफें लोगों की महफिलें सजाती थी ,उन्हें अपनी जिंदगी में कोठे पर पांच तरह के बलिदान देने पड़ते हैं. इसके बाद ही उन्हें कद्रदान मिल सकते हैं.

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पहला बलिदान
कहा जाता है कि कोई भी तवायफ पहले बलिदान उस समय देती थी, जब भी उसे कोठी पर लाया जाता था. उससे उसके परिवार का नाम-पहचान सब कुछ त्यागने को कहा जाता था.

दूसरा बलिदान
दूसरे बलिदान की बात करें तो पॉपुलर तवायफ बनने के लिए उन्हें घंटे रियाज करना पड़ता था. यह रियाज मंथली पीरियड के दिनों में भी नहीं रोकने दिया जाता था.

तीसरा बलिदान
तवायफ की जिंदगी का सबसे भयानक और दर्दनाक बलिदान होता था कि उनके गर्भ गिरा दिया जाता था यानी कि अगर उनका बच्चा हो भी जाए तो उसे उनसे दूर कर दिया जाता था.

चौथा बलिदान
जरूरी नहीं कि हर तवायफ की जिंदगी एक जैसी हो. कई बार कुछ तवायफों को समय के साथ दासी बनाकर रखा जाता था और उन्हें दासी बनकर ही जिंदगी गुजारनी पड़ती थी.

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पांचवा बलिदान
तवायफों के पांचवें बलिदान की बात करें तो उन्हें अपने सच्चे प्यार को छोड़ना पड़ता था. अगर उन्हें कोठे पर किसी से प्यार हो भी जाए तो वह उससे अपना रिश्ता नहीं जोड़ सकती थी.

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