Rama or Shyama best Tulsi for Tea: हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा पूजनीय माना गया है. इसका धार्मिक महत्व है ही, साथ ही आयुर्वेद में भी इसका औषधीय महत्व बताया गया है. लगभग सभी हिंदू घरों में तुलसी के पौधे पाए जाते हैं. वहीं, जैसे सर्दियों का मौसम आता है, वैसे ही लोग तुलसी की चाय पीना शुरू कर देते हैं. इससे शरीर को कोई फायदे मिलते हैं और कई बीमारियों से भी छुटकारा मिलता है.
जानकारी के अनुसार, भारत में तुलसी की पांच प्रजातियां पाई जाती हैं. इनमें विष्णु तुलसी, रामा तुलसी, श्याम तुलसी, नींबू तुलसी, वन तुलसी आदि हैं. ज्यादातर घरों में रामा और श्यामा तुलसी लगाई जाती है और इसी की पत्तियों का इस्तेमाल चाय बनाने में किया जाता है लेकिन बहुत सारे लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि ठंड के मौसम में कौन सी तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल चाय के लिए करना चाहिए, जिससे की सेहत को तगड़े फायदे मिल सकें.
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ज्यादातर घरों में राम और श्यामा तुलसी के पौधे पाए जाते हैं. रामा तुलसी हरे पत्तों की होती है, वहीं, श्यामा तुलसी के पत्ते गहरी और बैंगनी रंग के होते हैं. श्यामा तुलसी में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो कि शरीर में गर्माहट पैदा करते हैं. इनमें एंटीऑक्सीडेंट की प्रचुर मात्रा पाई जाती है, जो की पाचन तंत्र के लिए हानिकारक माने जाते हैं. गर्मियों के मौसम में इसका इस्तेमाल कतई नहीं करना चाहिए. श्यामा तुलसी में कुछ ऐसे गुण भी मौजूद होते हैं, जो की एलर्जी इन्फेक्शन को कम करने में सहायता करते हैं. ऐसे में इस तुलसी के तेल को दवाइयां के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है.
अब आपको बताते हैं कि आखिर चाय बनाते समय कौन सी तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल करना चाहिए. हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, तुलसी की चाय बनाने के लिए हमेशा रामा तुलसी का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि यह सेहत को कई मायनों में लाभ पहुंचाती है और उसके कोई खास साइड इफेक्ट भी नहीं होते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि रामा तुलसी की पत्तियों को सर्व रोग निवारणी भी कहा जाता है.
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इसका मतलब होता है कि उसके अंदर कई तरह के रोगों को ठीक करने की क्षमता होती है. रामा तुलसी के पत्तों को पानी उबालकर भी पिया जाता है और साथ ही चाय भी इसकी बनाई जाती है. वहीं, श्यामा तुलसी का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है. स्किन डिसीज को कम करने में इसके तेल का प्रयोग किया जाता है.