Uttarakhand News: हर बाप का सपना होता है कि वह अपने हाथों से अपनी लाडली बेटी का कन्यादान करे. उसको खुशी-खुशी ससुराल विदा करें लेकिन उत्तराखंड के लोहाघाट से एक ऐसा मामला सामने आया, जिसे जानने के बाद लोगों का कलेजा कांपा जा रहा है. मामला सुई पई गांव का बताया जा रहा है, जहां पर एक पिता की अपनी बेटी को दुल्हन रूप में देखने का सपना अधूरा रह गया. वह उसके हाथ पीले नहीं कर सका.
दरअसल, दुल्हन की मेहंदी थी, उसी दिन उसके पिता की तबीयत बिगड़ी और अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई. घर में शादी का माहौल था. चारों तरफ लोग खुश थे इसलिए रिश्तेदारों ने दुल्हन के पिता की मौत की खबर किसी को नहीं बताई. घर पर सबको बताया गया कि मरीज आईसीयू में एडमिट है. आने वाली रविवार को जब उसकी बेटी की डोली विदा की गई तो उसके बाद अमृत पिता का पार्थिव शरीर घर में लाया गया और फिर रामेश्वर घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया.
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जानकारी के अनुसार, विकासखंड लोहाघाट के सुई पऊ गांव की बेटी की डोली उठने के बाद उसके घर से पिता की अर्थी भी निकली. जानकारी के मुताबिक, ग्राम सभा सुई पऊ के सिमला तोक निवासी दीपक चंद्र जोशी की सबसे छोटी बेटी सुनीता की बारात पाटी के देवीधुरा से आनी थी तभी अचानक दीपक का स्वास्थ्य बिगड़ा और मेहंदी वाले दिन परिजन आनन-फानन में उन्हें अस्पताल लेकर गए.
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ताऊ ने किया कन्यादान
लोहाघाट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया. यहां पर उनकी तबीयत ज्यादा खराब होने के चलते हायर सेंटर रेफर कर दिया गया. अस्पताल जाते समय आधे रास्ते में दुल्हन के पिता दीपक ने दम तोड़ दिया. दुल्हन के पिता की मौत के बाद उसका कन्यादान दुल्हन के ताई प्रकाश चंद्र जोशी ने किया और शादी की खुशी में कोई विघ्न न पड़े, इसलिए बारात विदा होने के बाद ही मृतक का शव घर लाया गया. बता दें कि मृतक की तीन बेटियां और दो बेटे हैं.