Laxman Temple in Ayodhya: वैसे तो देश के सबसे बड़े सुबह उत्तर प्रदेश में एक से बढ़कर एक मंदिर हैं, जहां की मान्यता दूर-दूर तक प्रसिद्ध है वही श्री राम की नगरी कही जाने वाली अयोध्या को उत्तर प्रदेश का सबसे पवित्र शहर माना जाता है. यहां पर भी काशी, उज्जैन, मथुरा, हरिद्वार, द्वारका की तरह ही भक्ति दर्शन के लिए पहुंचते हैं. अयोध्या नगरी हिंदुओं के साथ प्राचीन पवित्र स्थान सप्तपुरी में से एक मानी जाती है और इसकी तुलना स्वर्ग से की गई है.
कहा जाता है कि भगवान राम अयोध्या के कण-कण में बसते हैं लेकिन यहां पर एक मंदिर ऐसा भी है, जहां पर बड़े से बड़ा झूठ भी अपने आप ही सच उगल देता है. जी हां, अयोध्या नगरी में एक ऐसा मंदिर है, जहां पर झूठों का लंबे समय तक टिके रहना बड़ा ही मुश्किल हो जाता है. सुनने में यह थोड़ा अजीब लग रहा है लेकिन यह सच है. बताया जा रहा है कि अयोध्या में एक ऐसा मंदिर है, जहां पर बड़े-बड़े झूठ बोलने वालों का पर्दाफाश हो जाता है. अगर कोई भी इंसान यहां झूठ बोलता है तो उसे दैवीय शक्तियां बुरी तरह से परेशान कर देती हैं और वह अपने आप ही सच बोलने पर आमादा हो जाता है.
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अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर अयोध्या में ऐसा कौन सा मंदिर है? जानकारी के अनुसार, अयोध्या नगरी में लक्ष्मण किला नाम का एक भव्य मंदिर है. जहां पर अगर कोई भी इंसान झूठी कसम खा लेता है तो उसका झूठ बहुत देर तक टिक नहीं पाता है. लोगों की ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में कई दैवीय शक्तियां हैं. अगर कोई इंसान झूठ बोलता भी है तो वह उसे किसी न किसी रूप में परेशान करना शुरू कर देती हैं. ऐसे में झूठ बोलने वाला अपने आप ही सच उगल देता है. उसका रहस्य खुल जाता है.
किस जगह पर है यह मंदिर
बता दें लक्ष्मण किला वही जगह है, जहां पर लक्ष्मण जी ने श्री राम के द्वारा दिए गए वचन का पालन करते हुए अपने शरीर को त्यागा था. भगवान श्री राम के भाई और साया की तरह उनका दुख सुख में साथ देने वाले लक्ष्मण जी का यह मंदिर सरयू नदी के तट पर बना हुआ है. यहां पर लक्ष्मण जी के साथ उनके बड़े भाई भगवान राम और माता सीता भी विराजित हैं. ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्री राम के प्यारे छोटे भाई लक्ष्मण के इस मंदिर में कोई भी झूठी कसम नहीं खा सकता है. अगर कोई ऐसा कर भी लेता है तो उसे इसका खतरनाक परिणाम भुगतना पड़ता है. इसी मंदिर में शरीर को त्यागने के बाद लक्ष्मण जी ने शेष अवतार धारण किया था.
क्या है मान्यता
यहां के निवासियों की मानें तो लोग अपने बड़े-बड़े विवादों का निपटारा करने के लिए इस मंदिर में आते हैं. लोगों का ऐसा कहना है कि अगर कोई भी इंसान किसी विवाद में झूठी कसम खा भी लेता है तो उसका झूठ बहुत देर तक टिक नहीं पाता है और ना चाहते हुए भी वह सच उगल देता है और इसकी वजह से उसे सजा भी दी जाती है. यही वजह है कि कोई भी लक्ष्मण किला मंदिर में कभी भी गलती से भी झूठ नहीं बोलता है. अगर आप भी लक्ष्मण किला मंदिर जाना चाहते हैं तो यहां पर आप पहले अयोध्या पहुंचिए. अयोध्या जाने के लिए आप हवाई रेल या सड़क मार्ग का सहारा ले सकते हैं.
रास्ते में मोर पंख नज़र आने पर क्या करना चाहिए?
लखनऊ से अयोध्या की दूरी की बात करें तो यह 134 किलोमीटर दूर है. वहीं गोरखपुर से 147 किमी, प्रयागराज से 166 किलोमीटर, वाराणसी से 209 किलोमीटर, झांसी से 441 किलोमीटर दूर है. अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो बता दें कि यहां से अयोध्या की दूरी 615 किलोमीटर है. यहां पर आप ट्रेन से पहुंच सकते हैं. नई दिल्ली से अयोध्या तक जाने वाली ट्रेन का नाम वंदे भारत एक्सप्रेस है और यह आपको 8 घंटे 20 मिनट के गैप में ही अयोध्या पहुंचा सकती है.