Causes of Mental Illness in Women: कहते हैं कि एक स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ जीवन जीना बेहद जरूरी होता है लेकिन आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हर इंसान किसी न किसी दिक्कत से जूझ रहा है. इनमें से मानसिक बीमारी भी आती है. यह बीमारी आजकल बेहद आम हो गई है लेकिन इसका शिकार महिलाएं तेजी से हो रही हैं. ज्यादातर महिलाएं मानसिक बीमारी का शिकार हैं लेकिन उन्हें इनके कारण नहीं पता हैं. आज आपको उन वजहों के बारे में बताएंगे, जो की महिलाओं को मेंटल प्रॉब्लम दे रहे हैं और कारण बन रहे हैं.
अक्सर देखा जाता है कि महिलाओं से समाज में लिंग भेद यानी कि जेंडर के आधार पर भेदभाव होता है. इसके चलते वह दिमाग से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो जाती हैं.
महिलाओं और पुरुषों दोनों का ही दिमाग अलग-अलग तरीके का होता है. महिलाएं थोड़ा इमोशनली होती है और वह जल्दी मानसिक बीमारी का शिकार हो जाती हैं.
महिलाओं की 7 बीमारियों के लिए काल है ‘बथुआ’, फायदे पढ़कर रोज करेंगी सेवन
अक्सर देखा जाता है कि पुरुष मन मुताबिक अपनी जिंदगी जीते हैं लेकिन महिलाओं पर समाज का दबाव ज्यादा होता है. उन्हें समाज के अनुसार ही जीने की सलाह दी जाती है. इसके चलते वह तेजी से मानसिक बीमारियों का शिकार हो रही हैं.
समाज के अनुसार कहा जाता है कि महिलाओं को फ्रेंडली, परिवार का पालन पोषण करने वाला, इमोशनल होना चाहिए. इन सभी दबावों के चलते अक्सर ही वह मेंटली प्रॉब्लम का शिकार हो जाती हैं.
क्या होता है सर्वाइकल कैंसर? जानिए लक्षण और बचाव से जुड़े सुझाव
आज भी कई ऐसे घर हैं, जहां पर महिलाओं के साथ फिजिकली, इमोशनली और यौन तरीके से गलत व्यवहार किया जाता है. इसके चलते वह दिमागी बीमारी का शिकार हो जाती हैं.
महिलाएं अपनी जिंदगी में सफलता हासिल करने के लिए बहुत तरह की मुश्किलों का सामना करती है. उन्हें न केवल एक जिम्मेदारी का वहन करना पड़ता है बल्कि कई जिम्मेदारियां के चलते और जिंदगी में मिले बुरे अनुभवों के चलते वह मेंटली बीमार हो जाती हैं.
अगर किसी के पूर्वजों में दिमागी बीमारी चली आ रही है तो कई बार आने वाली पीढ़ी भी उसका शिकार हो जाती हैं. अगर महिलाएं बहुत ज्यादा परेशान रहती हैं तो उनके बच्चों पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है.
पिंपल्स की इतनी दिक्कतों को दूर करता है गुलाब जल, जानिए इस्तेमाल के सही तरीके
अक्सर देखा जाता है कि पुरुषों पर केवल कमाई का बोझ होता है लेकिन महिलाओं पर कमाई के साथ-साथ घर परिवार चलाने की जिम्मेदारी और सब की देख-रेख करने की भी जिम्मेदारी होती है. इसके चलते वह खुद को समय नहीं दे पाती है और अलग-अलग तरह की दिमागी बीमारियों का शिकार हो जाती हैं.