Health Insurance Claim: जिस तरीके से आजकल सेहत पर खर्च बढ़ रहा है, उसके चलते लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस (Health insurance) लेना बहुत जरूरी हो गया है. स्वास्थ्य बीमा यानी कि हेल्थ इंश्योरेंस कई कंपनियां भी अपने एंप्लॉई के लिए उपलब्ध कराती हैं लेकिन कई बार जब क्लेम रिजेक्ट हो जाता है तो इससे पॉलिसी धारकों को खुद ही तगड़ा खर्च उठाना पड़ता है हालांकि ऐसी सिचुएशन से बचने के लिए पॉलिसी धारकों को क्लेम प्रोसेस के साथ-साथ बाकी आवश्यकताओं को भी समझना बहुत जरूरी होता है.
कोई भी इंसान हो अपनी जिंदगी की मोटी गाड़ी कमाई को बीमारियों के इलाज में खर्च नहीं करना चाहता है. ऐसे में आजकल हेल्थ इंश्योरेंस की बहुत ज्यादा जरूरत बढ़ गई है हालांकि हेल्थ इंश्योरेंस को क्लेम करने के समय किन गलतियों को करने से बचना चाहिए, इसके बारे में आपको बताते हैं.
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हर बात की दें सही जानकारी
जब भी कोई आप स्वास्थ्य बीमा खरीद रहें तो उसे समय आपको हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज समेत किसी भी बीमारी की सही-सही जानकारी देनी है. इसके साथ ही अगर आपको शराब का सेवन या धूम्रपान की भी आदत है तो उसकी भी जानकारी देनी चाहिए. यह प्रीमियम को प्रभावित कर सकते हैं लेकिन ट्रांसपेरेंसी के लिए उनकी जानकारी देना बेहद जरूरी है.
हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम से पहले पढ़ें सारे नियम
जब भी कोई हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम करने जा रहे हैं तो उससे पहले उसके सभी नियमों शर्तों को ध्यान से जरूर पढ़ लें. मान लीजिए अगर कोई आपको अलग जानकारी मिल जाती है तो पॉलिसी वापस करने के लिए आपको 15 दिन की फ्री लुक अवधि का उपयोग करना चाहिए.
ट्रीटमेंट के बाद रखे डॉक्यूमेंट प्रक्रिया का पूरा ध्यान
इलाज प्राप्त होने के बाद नेटवर्क अस्पताल चुनना इस प्रक्रिया को सरल बना देता है. वहीं अगर आप उन अस्पतालों का चयन करते हैं, जहां पर बीमा का नेटवर्क नहीं है, वहां पर दावों की आवश्यकता होती है, वह कठिन हो सकते हैं. ध्यान रखें सभी डॉक्यूमेंट अस्पताल और डॉक्टर दोनों द्वारा साइन हों.
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रिजेक्शन से बचने के लिए पहले करें ये काम
अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस के रिजेक्शन से बचना चाहते हैं तो डिस्चार्ज होने के 30 दिन के अंदर ही क्लेम उपलब्ध करवा दें. सभी नियमों का अच्छे से पालन करने के बावजूद अगर आपका दावा अस्वीकार कर दिया जाता है तो आप बीमा कर्ता के पास अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. 15 दिनों में भी अगर समाधान नहीं होता है फिर आप भारतीय बीमा विनियामक य या फिर विकास प्राधिकरण की वेबसाइट के माध्यम से आगे बढ़ें या फिर बीमा लोकपाल से कांटेक्ट करें.