Health News: छींक आना एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है. कई बार आपने देखा होगा कि जब लोगों को छींक आती है तो वह उसे रोकने की कोशिश करते हैं. कई बार लोग कामयाब हो जाते हैं तो कई बार वह नहीं हो पाते लेकिन क्या आप जानते हैं कि कभी भी छींक को नहीं रोकना चाहिए.
जर्नल आफ मेडिकल रिसर्च में छपे एक शोध के मुताबिक, कभी भी छींक को नहीं रोकना चाहिए वरना शरीर पर नकारात्मक असर पड़ता है. अगर कोई इंसान छींक रोक भी लेता है तो इससे उसके शरीर में कई तरह के दिक्कतें शुरू हो सकती हैं. जब इंसानों की नाक में किसी तरह की गंदगी या कोई बैक्टीरिया पहुंच जाता है तो उसे छींक आ जाती है. छींक आने के बाद इंसान का शरीर काफी रिलैक्स हो जाता है पर क्या आप जानते हैं कि अगर आप छींक को रोकते हैं तो शरीर में क्या होता है, चलिए बताते हैं.
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हेल्थ एक्सपर्ट्स कभी भी ठीक रोकने के लिए नहीं कहते हैं. दरअसल छींकते समय इंसान के शरीर में दबाव बढ़ जाता है. इससे नाक, कान के साथ-साथ गले में भी समस्या हो सकती है.
अगर कोई इंसान छींक रोकता है तो उसके सिर में तेजी से दर्द बढ़ सकता है. बार-बार छींक रोकने से इंसान के शरीर में लगातार सिर दर्द बना रहता है.
अचानक आने वाली छींक को रोकने से इंसान के कानों पर भी दबाव बढ़ता है. अगर आप छींक रोकते हैं तो इससे आपके कान में इंफेक्शन हो सकता है, दर्द भी हो सकता है और सुनने में तकलीफ हो सकती है.
छींक रोकने से श्वसन नलिका में दबाव बढ़ जाता है. इससे श्वसन से जुड़ी कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं. हो सकता है कि आपको पल्मोनरी इन्फेक्शन भी हो जाए.
अगर कोई इंसान अपनी छींक को रोक लेता है तो उसकी साइनस में गंदगी फंसी रह जाती है. इससे उसे साइनस इन्फेक्शन हो सकता है. यह काफी तकलीफ देह होता है.
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अगर कोई इंसान अपने छींक को रोक लेता है तो उससे उसकी ब्लड वेसल्स टूट सकती हैं और इससे उसके चेहरे पर चोट जैसे निशान बन जाते हैं और कई बार लाल धब्बों की भी शिकायत हो जाती है.