Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के पीले कपड़े पहनने की वजह
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Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के पीले कपड़े पहनने की वजह

Dharm News: आजकल जब भी आप फोन खोलते होंगे तो आपको तुरंत ही प्रेमानंद जी महाराज के उपदेश वाले वीडियोज नजर आने लगते हैं. आमतौर पर उन्हें वृंदावन वाले प्रेमानंद जी महाराज के नाम से लोग जानते हैं. कुछ लोग उन्हें प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज भी कहते हैं. प्रेमानंद जी महाराज ने अपने उपदेशों से पूरी दुनिया में भक्ति की लहर पैदा कर दी है. हर कोई उनको सुनने के बाद आध्यात्मिक मार्ग पर चलना शुरू कर देता है. साथ ही साथ भक्ति भाव से भी भर जाता है.

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प्रेमानंद जी महाराज सदैव पीले कपड़ों में नजर आते हैं. यही उनकी पहचान भी हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रेमानंद जी महाराज केवल पील कपड़े ही क्यों पहनते हैं. कभी लाल या नीले या हरे रंग के वस्त्र क्यों नहीं पहनते हैं? दरअसल, पीले वस्त्र केवल धार्मिक प्रतीक ही नहीं हैं बल्कि भक्ति भाव और आध्यात्मिक मार्ग से ओतप्रोत हैं. वृंदावन वाले प्रेम महाराज राधा वल्लभ संप्रदाय से संबंध रखते हैं. उनकी भक्ति राधा रानी और श्री कृष्ण जी को समर्पित है. इस संप्रदाय में पीले रंग के वस्त्रों का खास महत्व होता है.

दरअसल पीला रंग राधा रानी और श्री कृष्ण की दिव्य लीलाओं का प्रतीक माना जाता है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, श्री राधा रानी की कांति पीतवर्ण मानी जाती है और भगवान श्री कृष्ण को पीतांबर कहते हैं. ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह पीले वस्त्र धारण करते हैं. यही वजह है कि वृंदावन वाले प्रेमानंद जी महाराज सदैव पीले रंग के कपड़े पहनते हैं और अपने आराध्य के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण भाव को प्रकट करते हैं.

प्रेमानंद जी महाराज ने अपने आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत कम उम्र में ही कर दी थी. उन्होंने कठोर ब्रह्मचर्य का पालन किया और फिर संन्यास ले लिया. इसके बाद पर राधा वल्लभ संप्रदाय में दीक्षित हुए थे. प्रेमानंद जी महाराज न केवल पीले कपड़े धारण करते हैं बल्कि उनके माथे पर पीले रंग के चंदन का तिलक भी देखा जा सकता है. इस तरह से आप प्रेमानंद महाराज की भक्ति की गहराई और भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के प्रति समर्पण को समझ सकते हैं.

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बता दें कि प्रेमानंद जी महाराज के अनुयायी भी पीले रंग या फिर सफेद रंग के कपड़ों में नजर आते हैं, जो कि उनकी भक्ति परंपरा संप्रदाय की पहचान को प्रदर्शित करता है. शुरुआत से ही प्रेमानंद महाराज जी के पीले वस्त्र न केवल उनकी आध्यात्मिक यात्रा बल्कि भक्ति भावना और राधा रानी और श्री कृष्ण के प्रति उनके अनंत प्रेम का प्रतीक हैं. अपने संप्रदाय की परंपरा को दर्शाते हुए उन्होंने इस वेशभूषा को धारण किया है, साथ ही साथ वह हर तरह से राधा रानी और श्री कृष्ण के प्रति प्रतिबद्ध हैं.

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारियां धार्मिक मान्यताओं-परंपराओं के अनुसार हैं. Readmeloud इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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