Health Desk: पिछले कुछ सालों में भारत में हार्ट डिजीज के मामलों में चौंकाने वाली बढ़ोतरी देखी जा रही है. खास बात यह है कि अब यह बीमारी सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही बल्कि 25 से 40 साल के युवा भी हृदय रोगों का शिकार हो रहे हैं. हाल ही में कई रिपोर्ट्स और हेल्थ सर्वे में सामने आया है कि युवाओं में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामलों में लगभग 30-40% तक इजाफा हुआ है.
एक्सपर्ट्स के अनुसार, युवाओं में हार्ट प्रॉब्लम्स के बढ़ने के कई बड़े कारण हैं-
अनहेल्दी लाइफस्टाइल:
फास्ट फूड, जंक फूड, और देर रात तक जागने की आदत ने शरीर की नैचुरल बैलेंस को बिगाड़ दिया है. यह ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने का काम करता है.
स्ट्रेस और ओवरवर्क:
ऑफिस का प्रेशर, प्रतियोगिता और जीवनशैली में तनाव युवाओं के हार्ट हेल्थ को तेजी से प्रभावित कर रहा है.
एक्सरसाइज की कमी:
ज्यादातर युवा दिनभर लैपटॉप या मोबाइल के सामने बैठे रहते हैं. शारीरिक एक्टिविटी की कमी हार्ट की मांसपेशियों को कमजोर करती है.
स्मोकिंग और एल्कोहल:
तंबाकू, सिगरेट और शराब का सेवन धमनियों को सख्त बना देता है, जिससे ब्लड फ्लो बाधित होता है और दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है.
जेनेटिक फैक्टर और हॉर्मोनल बदलाव:
अगर परिवार में किसी को हृदय रोग रहा है तो युवाओं में इसका खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
वो शुरुआती लक्षण जिन पर ध्यान देना जरूरी
सीने में दर्द या भारीपन महसूस होना
सांस फूलना या थकान
सिर चकराना या पसीना आना
तेज धड़कन या अनियमित पल्स
हाथ, जबड़े या पीठ में दर्द
ये लक्षण कई बार मामूली लगते हैं, लेकिन इन्हें नजरअंदाज करना जानलेवा साबित हो सकता है.
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कैसे बचा जा सकता है हार्ट डिजीज से?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, हार्ट को हेल्दी रखना मुश्किल नहीं है, बस थोड़ी जागरूकता जरूरी है-
हर दिन कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें.
संतुलित आहार लें. ग्रीन वेजिटेबल्स, फल और ओट्स जैसे फूड्स शामिल करें
स्ट्रेस कम करें. योग, ध्यान या मेडिटेशन अपनाएं.
स्मोकिंग और एल्कोहल से दूरी रखें.
नियमित हेल्थ चेकअप कराएं, खासकर अगर परिवार में किसी को हृदय रोग रहा हो.
तेजी से बदलती जीवनशैली, तनाव और गलत खानपान ने युवाओं की हार्ट हेल्थ पर गहरा असर डाला है. अगर समय रहते सतर्कता नहीं बरती गई, तो आने वाले समय में भारत में युवा आबादी का एक बड़ा हिस्सा हार्ट डिजीज से प्रभावित हो सकता है.

