chanakya niti for life

इन 4 जगहों पर इंसान को हो जाना चाहिए बेशर्म, वरना पछताते भी नहीं बनेगा

Chanakya Niti: शर्म हर इंसान की जिंदगी का एक अहम हिस्सा है. इसे अच्छे संस्कारों में एक माना जाता है लेकिन कुछ जगहें ऐसी भी होती हैं, जहां पर इंसान को इसको खुद से दूर करना चाहिए. अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उससे उनकी जिंदगी बर्बाद हो सकती है. भारत के महान अर्थशास्त्री और ज्ञाता आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में चार जगहों का जिक्र किया है, जहां पर इंसान को बेशर्म बन जाना चाहिए क्योंकि अगर इंसान इन जगहों पर शर्म करता है तो इससे उसकी जिंदगी के संकट और मुसीबतें दोनों ही बढ़ सकते हैं.

सभी जानते हैं कि शर्म और लिहाज इंसान को सभ्य बनाने का काम करता है. महिलाओं का तो यह गहना होता है लेकिन आचार्य चाणक्य के अनुसार कुछ जगहों पर शर्म संकोच को बिल्कुल त्याग देना चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो वह लोग जिंदगी की रेस में पीछे जाते हैं. आचार्य चाणक्य ने अपनी किताब नीति शास्त्र में जिंदगी में सफल होने के लिए कई सुझाव भी दिए हैं. साथ उन्होंने चार ऐसी जगह का वर्णन किया है, जहां पर किसी भी व्यक्ति को शर्म नहीं करनी चाहिए. अगर आप इन जगहों पर संकोच करते हैं तो आप कभी भी सफलता की सीढ़ियां नहीं चढ़ पाएंगे.

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पैसों के मामले में ना करें शर्म
आचार्य चाणक्य का कहना है कि कभी भी धन-दौलत से जुड़े मामलों में शर्म नहीं करनी चाहिए. मान लीजिए आपसे किसी ने पैसे उधार लिए हैं, इसके बाद उसका समय गुजर गया है और फिर भी वह आपके पैसे वापस नहीं कर रहा है तो वहां पर आपको अपने पैसे वापस मांगने में जरा भी शर्म नहीं करनी चाहिए क्योंकि अगर आप शर्म संकोच करेंगे तो इसी तरह से आपको अलग-अलग लोग लूटते रहेंगे. ऐसे में यहां पर आपको बेशर्म बनकर अपना पैसा जरूर मांगना चाहिए.

भोजन करने में न करें शर्म
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कभी भी भोजन करते समय इंसान को शर्म नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आप खाली पेट रह जाएंगे और फिर आपका दिमाग काम नहीं करेगा. आचार्य चाणक्य के मुताबिक कभी भी इंसान को अपनी भूख को नहीं मारनी चाहिए. भूखा इंसान अपने तन-मन पर कंट्रोल नहीं कर पाते हैं और उसकी सोचने समझने की शक्ति भी कम हो जाती है.

शिक्षा लेने में न करें शर्म
कुछ लोगों के अंदर घमंड होता है कि अगर वह उम्र में बड़े हैं और उनसे कोई छोटी उम्र का शख्स उन्हें कुछ बताना चाहता है और वह उनसे अधिक विद्वान भी है तो उन्हें उसे शिक्षा लेने में शर्म आती है लेकिन आचार्य चाणक्य का कहना है सीख या अच्छी शिक्षा जहां से भी मिले, तुरंत सीख लेना चाहिए क्योंकि इंसान की जिंदगी में सीख हमेशा चलती रहती है. वह कितना ही बड़ा क्यों ना हो जाए. साथ ही अच्छा विद्यार्थी भी वही होता है, जो बिना शर्म किए अपने मां के हर सवाल को पूछता है. जो लोग शर्म के कारण सवाल नहीं पूछते हैं, वह हमेशा पीछे रह जाते हैं.

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बात रखने में ना करें शर्म
आपने ज्यादातर लोगों को देखा होगा कि उन्हें सही गलत का फर्क तो पता है लेकिन जब सही मौका आता है तो वह अपनी बात रख नहीं पाते हैं. शर्म संकोच की वजह से उनकी आदत उन्हें जिंदगी में काफी पीछे कर देती है. आचार्य चाणक्य का कहना है कि जो लोग शर्म संकोच की वजह से सही जगह पर अपनी बात नहीं रख पाते हैं, वह जिंदगी पीछे रह जाते हैं. ऐसे में उन्हें इन जगहों पर बेशर्म होकर अपनी बात जरूर रखनी चाहिए.

Disclaimer: ऊपर बताई गई बातें आचार्य चाणक्य की नीतियों पर आधारित हैं. Readmeloud इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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